सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं लाने के दावे कर रही है। लेकिन इसके उलट सरकार की ही एक खास फेम-2 प्रोत्साहन योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में जबरदस्त गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में 94 फीसदी की गिरावट आई है।



3,000 वाहन बिके

सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) की तरफ से जारी आंकड़ों बताते हैं कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गई फेम यानी फास्टर अडोप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के दूसरे चरण में इस साल अप्रैल से सितंबर तक मात्र 3,000 वाहन ही बेचे गए। जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 48,671 यूनिट था।



कम स्पीड वाले वाहनों की बिक्री  

एसएमईवी का कहना है कि फेम-2 योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त गिरावट आई है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक FAME-II योजना के तहत न केवल सब्सिडी कम हुई है, बल्कि जिन उत्पादों पर ये प्रोत्साहन दिया जा रहा है, वे काफी महंगे हैं, जिसके चलते खरीदार अधिक कम गति वाले सस्ते वाहन खरीद रहे हैं। उद्योग जगत के आंकड़ों के मुताबिक छह महीने में 49 हजार कम गति वाले इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई है।



फेम-2 योजना में ये है कमी

उद्योग जगत के सूत्रों का कहना है कि इन कम स्पीड वाले इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में छोटी लीथियम ऑयन बैटरियां लगी होती हैं, जिसके चलते ये फेम-2 सब्सिडी और फायदों से बाहर हो जाती हैं। इस योजना के तहत केवल उन्हीं दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को योग्य माना जाता है, जिनकी अधिकतम स्पीड 40 किमी प्रति घंटा और सिंगल चार्ज में 80 किमी की दूरी तय कर सकते हैं। वहीं इसमें बड़ी बैटरी का होना बेहद जरूरी है। जिसके चलते ये महंगी हो जाती हैं।



कम हो जाएंगी कीमतें

जहां कम स्पीड वाले इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन 55 से 60 हजार रुपये की कीमत में मिल जाते हैं, तो वहीं हाई-स्पीड वाहनों की कीमत 75 हजार रुपये से ज्यादा होती है। इसके अलावा चार साल के इस्तेमाल के बाद हाईस्पीड इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में बैटरी बदलने की कीमत 40 से 45 हजार रुपये तक होती है। वहीं सरकार अगर फेम-2 योजना के तहत कम स्पीड वाले लीथियम ऑयन इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को सब्सिडी देती है, तो ये वाहन 40 हजार रुपये तक की कीमत में उपलब्ध हो जाएंगे।



फिर से प्रमाणपत्र जरूरी

इसके अलावा फेम-2 योजना में वाहनों की गिरती बिक्री के पीछे एक और वजह है कि प्रोत्साहन राशि लेने के लिए फिर से प्रमाणपत्र की जरूरत पड़ती है, जिसके चलते हाल ही में कई कंपनियों के उत्पादों को पुनः प्रमाणित किया गया है, जिसकी वजह से भी बिक्री पर असर पड़ा है।

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