नयी दिल्ली। आईसीसी वर्ल्ड कप-2019 में खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में इंग्लैंड जाने वाली टीम इंडिया का सफर सेमीफाइनल में खत्म हो गया है। उसे दो दिन तक चले इस रोमांचक मैच में बुधवार को न्यूजीलैंड के हाथों 18 रनों से हार का सामना करना पड़ा। मैच को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोग भारत की हार के लिए अंपायर के गलत फैसले को जिम्मेदार बता रहे हैं।


सोशल मीडिया पर कह जा रहा है कि महेंद्र सिंह धोनी जिस गेंद पर रन आउट हुए थे उसे उसे नो बॉल दिया जाना चाहिए था। ट्विटर यूजर्स का कहना है कि अंपायर ने धोनी के रन आउट के फैसले में पावर प्ले के दौरान फील्डिंग के नियमों को नजरअंदाज किया। लोगों का कहना है कि तीसरे पावर प्ले में तीस गज के दायरे के बाहर अधिकतकम 5 खिलाड़ी ही बाहर रह सकते हैं, लेकिन धोनी के रन आउट के वक्त 6 खिलाड़ी सर्कल से बाहर थे।


एक यूजर ने ट्वीट किया कि कितनी बढ़िया अंपायरिंग..? महेंद्र सिंह धोनी को रन आउट नहीं दिया जाना चाहिए था क्योंकि गेंद नो बॉल थी। धोनी को खेलने चाहिए था और भारत जीतता। क्या महान वर्ल्डकप है? क्या महान अंपायरिंग को देखा गया है?


वहीं दूसरे ट्विटर ने लिखा- क्या मैंने अकेले ने देखा यह? धोनी के रन आउट होने से पहले सर्कल से 6 खिलाड़ी बाहर थे। पता नहीं यह अंपायरिंग फॉल्ट है या जीपीएस त्रुटि? क्या धोनी अब भी रनआउट?


एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया कि ‘अंपायरिंग में गलती? क्या वे इसे वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में सहन कर सकते थे? सर्कल के बाहर 6 खिलाड़ी... वह तीसरे पावर प्ले में, कितनी देर इस तरह खेले?


क्या है पावरप्ले-3 में फील्डिंग का नियम


नियम के मुताबिक, तीसरे पावर प्ले के दौरान 30 गज के घेरे के बाहर अधिकतम पांच ही खिलाड़ी रह सके हैं। लेकिन  धोनी को बॉल फेंके जाने पहले सोशल मीडिया पर वायरल ग्राफिक्स में दिख रहा है कि न्यूजीलैंड के 6 खिलाड़ी सर्कल के बाहर खड़े थे। यहां याद रखने वाली यह बात है कि जिस गेंद पर धोनी रन आउट हुए अगर वो नो बॉल भी होती, तो भी वह आउट होते।


(नियम के अनुसार, जितने खिलाड़ी 30 गज के घेरे में होने चाहिए, उससे कम या ज्यादा होने पर नो-बॉल करार दी जाती है। नो बॉल रहने पर रन आउट के अलावा किसी और तरीके से बल्लेबाज आउट नहीं हो सकता। यानी अंपायर ने नो बॉल दी होती, तो भी धोनी रन आउट होते)


गौरतलब है कि धोनी क्रीज पर भारत की आखिरी उम्मीद थे। आखिरी दो ओवरों में भारत को 31 रनों की दरकार थी। धोनी ने पहली गेंद पर छक्का मारा और दूसरी गेंद पर दो रन लेने चाहे. दूसरा रन लेने दौड़े धोनी, मार्टिन गप्टिल की डायरेक्ट हिट से पहले बल्ला क्रीज पर नहीं रख सके और यहीं भारत की उम्मीदें खत्म हो गईं। धोनी ने 72 गेंदों का सामना कर एक छक्का और एक चौका लगाया।






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