मौजूदा समय को देखते हुए आगामी कुछ वर्षों में भारत का बैकिंग, फाइनेंशियल सेक्टर और इंश्योरेंस सेक्टर लगभग बीस लाख युवाओं को रोजगार देने जा रहा है और ऐसा करके भारत का बीएफएसआई सेक्टर वाल्यूम एंड एम्पॉलयमेंट में दुनिया का तीसरा बढ़ा सेक्टर बन जाएगा। ऐसे में वे छात्र जो अपना करियर बैंकिग सेक्टर में बनाने को इच्छुक है उनके लिए यह बेहतरीन मौका है। बैकिंग के फील्ड में अनेकों करियर ऑप्शंस है। उनमें से एक है एनआरआई बैकिंग।


एनआरआई बैंकिंग में एनआरआई ग्राहक के लिए बैंकिंग सेवाओं के प्रावधान शामिल होते हैं। भारत ने 5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनने का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत कई बड़े फैसले लिए जा रहे हैं , जिनमें से दस बैंकों को एक साथ विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का निर्णय भी शामिल है। आने वाला वक्त एनआरआई बैंकिंग सुविधाओं को देने वालों के लिए बेहतरीन है।


कौन होते हैं एनआरआई बैंकर : 

टीकेडब्ल्यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस के डायरेक्टर अमित गोयल के मुताबिक किसी भी सरकारी और प्राइवेट बैंक में एनआरआई बैंकर्स की डिमांड रहती ही है। एक एनआरआई बैंकर उस संस्थान के एनआरआई क्लाइंट को बैंक की सेवा का प्रावधान करवाता है। वे क्लाइंट को लोन दिलाने और निवेश करने की प्रक्रिया में सहयोग भी करता है। एनआरआई बैंकर देश के एनआरआई ग्राहकों को इंटरेस्ट रेट, एक्सचेंज रेट जैसी सेवाओं में होने वाले उतार चढ़ाव के बारे में बताता है। एनआरआई बैंकर सामान्यतः एनआरआई कस्टमर को उनकी जरूरत की फाइनेंशियल सॉलयूशन मुहैया करवाते हैं।


कोर्स :

किसी भी फील्ड से ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद उम्मीदवार बैंकिंग एंड फाइनेंस में पीजी डिप्लोमा कर सकते हैं। यह एक वर्ष का कोर्स होता है। इसमें बैंकिंग ऑपरेशंस, फाइनेंस मैंनेजमेंट, ट्रेड फाइनेंस जैसे विषय पढ़ाये जाते हैं। इस कोर्स में छात्रों को कंप्यूटर और सॉफ्टवेयर की बेसिक नॉलेज के साथ-साथ बिजनेस कम्युनिकेशन और शेयर बाजार किस तरह काम करता है इत्यादि की भी जानकारी दी जाती है। 


योग्यता : 

ग्रेजुएशन कर चुके छात्र और किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष कर रहे छात्र पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेस कोर्स के लिए आवेदन कर एनआरआई बैंकर बनने की दिशा में अपना पहला कदम रख सकते हैं। इस कोर्स के लिए छात्र को ग्रेजुएशन में किसी भी स्ट्रीम से 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना जरुरी है।

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