दुनियाभर में पालतू तोते खाने-पीने का सामान बार-बार फेंकते हैं। खाना चाहे कितना भी जायकेदार हो, उन्हें फेंकना ही है। ऑनलाइन कई लोग बताते हैं कि फल, सलाद जैसी चीजों को भी वे फेंकते रहते हैं। पिछले माह साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार जंगली तोते तक खाने का सामने बेकार फेंकते हैं। पशु, पक्षियों के लिए यह अस्वाभाविक है क्योंकि अस्तित्व बनाए रखने के लिए भोजन बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है।



स्पेन के मैक्स प्लेंक रिसर्च ग्रुप के जीव विज्ञानी अनास्तेसिया क्रेशेन्निकोवा बताती हैं, नए अध्ययन में तोतों के अपने प्राकृतिक वातावरण में खाना फेंकने वाले व्यवहार की व्यापक तस्वीर पेश की गई है। शोधकर्ताओं ने जंगलों में अपनी स्टडी में गौर किया है कि तोते फलों, फूलों और बीजों के आसपास मंडराते हैं। कई बार वे एक या दो कौर खाने के बाद उन्हें छोड़ देते हैं। रिसर्च पेपर के प्रमुख लेखक एस्थर गोंजालेज का कहना है, कई मौकों पर तोते फल, फूल को थोड़ा सा काटकर उसे जमीन पर गिरा देते हैं।



पक्षी विज्ञानियों के एक समूह ने कई वर्ष तक जंगलों में इस व्यवहार का अध्ययन किया है। 17 देशों में 103 प्रजातियों के तोतों पर नजर रखी गई। कई मामलों में अकेले एक तोते को 80% खाने की वस्तुगिराते देखा गया है। डॉ. सेबास्टियन गोंजालेज कहती हैं, लगता है, वे खाने की बजाय खाने से खेल रहे हैं। यह भी पता लगा कि तोते पके फलों की तुलना में कच्चे फल ज्यादा फेंकते हैं। वे प्रजनन काल के बाद अपने भूखे बच्चों को खिलाने के लिए सावधानी से अच्छा खाना चुनते हैं। शोधकर्ताओं ने गौर किया है कि तोतों के खाना फेंकने से अन्य पक्षियों को फायदा होता है। चीटियों से लेकर अन्य 86 किस्म के जानवर तोतों द्वारा गिराया गया खाने का सामान खाते हैं। इनमें से कई प्राणी प्राकृतिक परिवेश में बीज फैलाते हैं। इससे पेड़, पौधे पनपते हैं।



डॉ. गोंजालेज मानती हैं, तोतों की विभिन्न प्रजातियों के व्यवहार से लगता है कि वे इरादतन ऐसा करते हैं। उनका अनुमान है, तोते भविष्य की योजना बनाते हैं। वे फसलों, फलों की पैदावार में मनुष्यों की मदद करते हैं। डॉ. क्रेशेनिन्नकोवा का कहना है तोतों को आने वाले समय के फैसले लेने वाला माना जाता है। इसलिए उनका ऐसा बर्ताव आश्चर्यजनक नहीं है।

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