साल 2019 के नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नाम की घोषणा हो चुकी है। ये पुरस्कार भौतिकी, रसायनशास्त्र, चिकित्सा, अर्थशास्त्र, शांति व साहित्य के क्षेत्रों में दिए जाते हैं। लेकिन हर साल जब भी नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की जाती है, तब एक सवाल जरूर उठता है - गणित के लिए नोबेल पुरस्कार क्यों नहीं?



इसे लेकर कई अलग-अलग और दिलचस्प कारण बताए जाते हैं। कुछ शोधकर्ताओं ने भी इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश की है। इस बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।



आमतौर पर बताए जाते हैं ये कारण
'अल्फ्रेड नोबेल गणितज्ञों को पसंद नहीं करते थे, क्योंकि एक गणितज्ञ का उनकी पत्नी के साथ अवैध संबंध था।' लेकिन यह गलत है। अल्फ्रेड नोबेल ने कभी शादी ही नहीं की थी।



कुछ लोग कहते हैं कि नोबेल ने गणितज्ञों को अपनी सूची से बाहर रखा क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं ये पुरस्कार स्वीडिश गणितज्ञ गोस्टा मिटेग लेफ्लर को न मिल जाए। लोग नोबेल के इस डर का कारण ये बताते हैं कि लेफ्लर के एक महिला सोफी हेस के साथ अवैध संबंध थे। सोफी हेस जिनके साथ अल्फ्रेड नोबेल का रिश्ता था। लेकिन बुद्धिजीवियों ने इस कारण को भी खारिज किया है।



गणित को अल्फ्रेड नोबेल ने क्यों शामिल नहीं किया, ये समझने के लिए ये जानना भी जरूरी है कि उन्होंने वो पांच क्षेत्र क्यों चुने जिनमें आज नोबेल दिया जा रहा है।



नोबेल ने पुरस्कार के लिए क्यों चुने पांच क्षेत्र
मिशिगन यूनिवर्सिटी के गणितज्ञ लिझेन जी ने इस बारे मे शोध किया। उन्होंने 2013 में हुए इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ चाइनीज मैथेमेटीशियंस के जर्नल में इस बारे में लिखा।

उनके अनुसार, अल्फ्रेड नोबेल द्वारा नोबेल पुरस्कारों के लिए भौतिकी, रसायनशास्त्र, चिकित्सा, साहित्य व शांति को चुनने के लिए ये कारण रहे

भौतिकी और रसायनशास्त्र - ये दोनों क्षेत्र इसलिए क्योंकि नोबेल खुद एक वैज्ञानिक थे।

चिकित्सा - यह इसलिए क्योंकि अल्फ्रेड नोबेल एक स्वस्थ व्यक्ति थे और हमेशा स्वास्थ्य को अहमियत देते थे। वह चाहते थे कि चिकित्सा के क्षेत्र को बढ़ावा मिले।

साहित्य - क्योंकि नोबेल जब युवा थे, वे खुद नाटक व कविताएं लिखा करते थे।

शांति - इस क्षेत्र को इसलिए चुना क्योंकि नोबेल को उम्मीद थी कि बेरोनेस बर्था सटनर को शांति के लिए एक दिन यह पुरस्कार जरूर मिलेगा। सटनर वो महिला थीं जिनके साथ

नोबेल का रिश्ता रहा था। ऐसा हुआ भी। अल्फ्रेड नोबेल की मृत्यु के कुछ साल बाद वर्ष 1905 में सटनर को उनके उपन्यास 'ले डाउन योर आर्म्स (Lay Down Your Arms)' के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था।



अर्थशास्त्र को कई सालों बाद नोबेल पुरस्कारों की सूची में जोड़ा गया था।
कुछ शोधकार्यों का संदर्भ देते हुए लिझेन जी ने बताया है कि अल्फ्रेड नोबेल अपने काम में गणित का ज्यादा उपयोग नहीं करते थे। न ही वह गणित में रुचि लेते थे। यानी ऐसे प्राकृतिक कारणों से गणित के लिए नोबेल पुरस्कार देने की बात कभी अल्फ्रेड नोबेल के दिमाग में आई ही नहीं।

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