हाईकोर्ट ने 28 फरवरी 2019 को घोषित दरोगा भर्ती 2016 के परिणाम को नियम विरुद्ध करार देते हुए रद्द कर दिया है। कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड को नए सिरे से नियमानुसार चयन सूची तैयार करने का निर्देश भी दिया है। यह आदेश न्यायमुर्ति सुनीता अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खंडपीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक खरे, शशिनंदन, राधाकांत ओझा व विजय गौतम और अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को सुनने के बाद अतुल कुमार द्विवेदी व कई अन्य की विशेष अपीलों को स्वीकार करते हुए दिया है।



17 जून 2016 को पुलिस उपनिरीक्षक, पीएसी प्लाटून कमांडर, फायर फाइटिंग अफसर के 2707 पदों के लिए की भर्ती विज्ञापित हुई। यह भर्ती यूपी सब इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर सर्विस रूल 2015 के नियम 15 ए, 15बी, 15सी व 15डी के तहत की जानी थी। इसके अनुसार सभी चार स्टेज में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। 



चयन प्रक्रिया के बाद 2181 अभ्यर्थियों को चयनित किया गया। याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने बताया कि चयन प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश पुलिस उप निरीक्षक, निरीक्षक नियमावली 2015 के नियम 15ए, 15बी, 15सी व 15डी का पालन नहीं किया गया। 



नार्मलाइजेशन प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी कर मनमानी की गई। 28 जून 2017 को नार्मलाइजेशन का नियम लागू किया गया। कहा कि याची चयन प्रक्रिया की प्रत्येक स्टेज तक गए और जब अंतिम परिणाम आया तो वे चयन सूची में थे जबकि उन्होंने न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। उनसे कहा गया कि पहली स्टेज (लिखित परीक्षा) में वे फेल थे। 
कोर्ट ने अपीलार्थियों के अधिवक्ताओं के तर्कों से सहमत होते हुए चयन परिणाम रद्द कर दिया। साथ ही कहा कि नियमानुसार नए सिरे से परिणाम घोषित किया जाए।
 

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