अक्सर ऐसा देखा गया है कि एक रिश्ते में रहने के बावजूद भी हम यह नहीं समझ पाते कि यह प्यार हैं या सिर्फ आकर्षण। किसी रिश्ते में रहने के दौरान कोई एक व्यक्ति तो शादी तक के सपने सजा चुका होता है लेकिन दूसरा अभी भी इस बात को लेकर कन्फूयज रहता है कि क्या यह सच में प्यार है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता हैं तो आज हम आपको प्यार और आकर्षण में अतंर बताएंगे।


जब आप एक रिश्ते में होते हैं और बात फिजिकल होने पर आ जाती हैं। ऐसे समय में अक्सर यह ख्याल आता है कि क्या यह प्यार है या सिर्फ लस्ट ? यह ख्याल अक्सर यंगस्टर्स के दिमाग में आता है। वह हमेशा प्यार और लस्ट के अंतर में खोये रहते हैं। उन्हें यह नहीं समझ आता कि सामने वाला उनसे क्या चाहता है। इसी कंफ्यूजन के चलते अक्सर एक रिश्ते में दरार आ जाती है।



प्यार और आकर्षण में सिर्फ इतना अतंर होता है कि आकर्षण कभी भी और कितनी बार भी हो सकता है। आकर्षण में व्यक्ति किसी को देखते ही दो पल में अपना मन उसे दे देता है। कहा जाता है कि कोई भी आकर्षण ज्यादा दिनों तक नहीं चलता है। प्यार भी ऐसे ही होता है लेकिन प्यार में आप धीरेधीरे सामने वाले को और भी ज्यादा पसंद करने लगते हैं।



प्यार में आपको कई तरह के समझौते करने पड़ते हैं। जिससे यह पता चलता हैं कि आप सच में सामने वाले से प्यार करते हैं। प्यार में दो लोग एक-दूसरे के हो जाते हैं। वहीं आकर्षण में आप इन सब बातों को नहीं मानते हैं।  आकर्षण में आप सिर्फ मतलब की बातें करते हैं। आकर्षण में आप मटीरियलिस्टिक चीजों पर ही ध्यान देते हैं।



अक्सर आकर्षण में हम सिर्फ जरुरत पड़ने पर ही एक-दूसरे के साथ रहते हैं। आकर्षण के दौरान हमें सामने वाले के साथ खाना और घूमना ही पसंद आता है। लेकिन जब आपको किसी के साथ हर वक्त क्वालिटी टाइम स्पेंड करने का मन होता है तो समझ लीजिए यह प्यार हैं। प्यार में ही एक व्यक्ति हर पल साथ रहने की सोचता हैं।

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