बच्चों को सुलाना भी एक काम होता है। अगर घर में कोई बड़ेबुजुर्ग नहीं है तो फिर रोते हुए बच्चे को सुलाना बहुत कठिन होता है। कई बार तो बच्चे को नींद आती है लेकिन वो सोने के बजाय खेलने लगता है और ज्यादातर ये समस्या उन लोगों को होती है जो पहली बार अभिभावक बने हैं। लेकिन आज हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए हैं जिनकी मदद से बच्चों को आसानी से सुलाया जा सकता है। आगे की स्लाइड में जानें कैसे बच्चे को सुलाया जा सकता है। 



नहाने के बाद सुलाएं
बच्चों को हमेशा हल्के गुनगुने पानी से नहलाना चाहिए। साथ ही नव अभिभावकों को याद रखना चाहिए नवजात की मालिश जरूर करें और उसके बाद उसे नहलाएं। ऐसा करने से बच्चे रिलैक्स हो जाते हैं और जल्दी सो जाते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि नहाते समय बच्चे को किसी तरह का खिलौना न दें क्योंकि खिलौने की आवाज से बच्चे की नींद में खलल पड़ता है और सोने में दिक्कत होती है।



सोने का समय तय करें
बहुत बार बच्चे के सोने में परिवर्तन होने से भी वो नहीं सोते हैं इसलिए ध्यान रखें कि बच्चे के सोने का समय बिल्कुल निर्धारित हो। जब बच्चे के सोने का समय हो तो उस समय सारे काम छोड़कर केवल उसे सुलाएं। 



दूध पिलाकर सुलाएं
बच्चे का पेट अच्छी तरह से भरने के बाद ही उसे सुलाने की कोशिश करें क्योंकि अगर बच्चे का पेट खाली होगा तो उसे नींद नहीं आएगी या फिर बीच नींद में ही वो जाग जाएगा। इसलिए मां होने के नाते इस बात का ध्यान रखें कि सुलाने से पहले बच्चे को दूध जरूर पिलाएं।



बच्चों के बिस्तर पर सुगंधित चीजों का प्रयोग न करें
अगर बच्चे को अलग बिस्तर पर सुलाती हैं तो उसके बिस्तर पर परफ्यूम न डालें क्योंकि इस तरह की महकने वाली चीजों के इस्तेमाल से बच्चे को एलर्जी हो सकती है। अगर जरूरत हो तो छह महीने से बड़े बच्चे के बिस्तर के पास एक-दो बूंद लेवेंडर ऑयल डालें।




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