चीन के वुहान से शुरू होकर कोरोनावायरस दुनियाभर में दहशत फैला रहा है। इस वायरस के संक्रमण और इससे होने वाली मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। खासतौर पर चीन में तो तेजी से कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। इस बीच चीन की एक संस्था ने कोरोनावायरस संक्रमण पर शोध किया है, जिसमें चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं।

 

 


इसी सप्ताह चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Chinese Center for Disease Control and Prevention) ने कोरोनावायरस पर अब तक का सबसे बड़ा विश्लेषण प्रकाशित किया है।ये अध्ययन महिलाओं व पुरुषों में कोरोनावायरस संक्रमण के प्रभाव को लेकर है। इसमें ये भी बताया गया है कि बच्चों और खासतौर पर मध्य आयु वर्ग के पुरुषों (लगभग 30 से 50 वर्ष) के लिए कोरोनावायरस बड़ा खतरा है।

 

 

 

हालांकि कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों में महिलाओं और पुरुषों की संख्या लगभग बराबर है।लेकिन ऐसा पाया गया है कि इस संक्रमण से होने वाली मौत की दर महिलाओं में 1.7 फीसदी, और पुरुषों में 2.8 फीसदी है। एनल्स ऑफ इंटर्नल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, आज से करीब 17 साल पहले 2003 में जब सार्स (SARS) का संक्रमण फैला था, तब भी पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा संक्रमित हुई थीं। लेकिन इस संक्रमण से होने वाली मौत का दर पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा 50 फीसदी ज्यादा था।

 

 

 

पुरुषों पर ज्यादा असर क्यों?
जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक वैज्ञानिक सेब्रा क्लीन का कहना है कि 'हमने कई वायरस संक्रमण के मामलों में ये पैटर्न देखा है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है। कुछ कारण बायोलॉजिकल होते हैं तो कुछ जीवनशैली से जुड़े होते हैं। संक्रमण के खिलाफ शरीर के इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया के मामले में पुरुषों के इम्यून सिस्टम की क्षमता कमजोर देखी गई है। जबकि महिलाएं ऐसे संक्रमण से बेहतर लड़ पाती हैं।'

 

 

 

महिलाओं का इम्यून सिस्टम मजबूत क्यों?
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बारे में शोधकार्य अभी शुरुआती स्तर पर है। लेकिन एक परिकल्पना ये है कि इसके लिए महिलाओं में पाया जाने वाला हॉर्मोन एस्ट्रोजेन कारण हो सकता है। 
एक्स क्रोमोजोम में प्रतिरोधक क्षमता से जुड़े जीन होते हैं। महिलाओं में दो एक्स क्रोमोजोम (XX in Women) होते हैं, जबकि पुरुषों में ये एक ही होता है (XY in Men)।

మరింత సమాచారం తెలుసుకోండి: