मां-बाप बनना हर किसी के जिंदगी का एक हसीन पल होता है। अपने बच्चे को हर रूप से सक्षम बनाना हर मां-बाप की जिम्मेदारी होती है। मां-बाप अपने बच्चों को असली दुनिया दिखाते हैं , उन्हें जीना सिखाते हैंं। लेकिन क्या हो जब ये जिम्मेदारियों का बोझ किसी एक के कंधे पर आ जाएं ?आज के समय में सिगंल पेरेन्टस की तादात काफी है। सिंगल पेरेंट्स होना एक बेहद ही मुश्किल भरी स्थिति होती है। इस स्थिति में सारी जिम्मेदारियों का बोझ एक ही के कंधो पर आ जाता है। सोचिए अगर सिंगल पेरेंट्स एक मां हो तो क्या होगा। ऐसे में एक  सिगंल मदर को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए , जिससे वह अपने बच्चे के और करीब आ पाएंगी। आइए जानते हैं वह बातें जो कर देंगी एक सिंगल मदर की मुश्किलें आसान। 


सकारात्मक रहें
सिंगल मदर के लिए यह बेहद जरूरी है कि वह अपने जीवन में हमेशा सकारात्मक रहने की कोशिश करें। क्योंकि अब आप एक सिंगल मदर है तो इस स्थिति में आपको सारी जिम्मेदारियां  खुद ही संभालनी  होंगी। इसलिए यह जरूरी है कि आप अपने आप को सकारात्मक रखें और नकारात्मकता को अपने आस-पास भी न भटकने दें। यह बात आपके लिए तो बेहतर होगी ही साथ ही में यह आपके बच्चे पर भी एक अच्छा प्रभाव डालेगी। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अब आपको सारी जिम्मेदारियां खुद ही संभालनी है , तो ऐसे में आप जितना हो सके उतना चीजों के प्रति सकारात्मक रवैय्या रखें। 


बच्चे को समय दें 
सिगंल मदर  इस बात की गांठ बांध लें कि उन्हें अपने बच्चों को उनका पूरा वक्त  देना ही देना है। भले ही आपके पास हजारों काम हो , या फिर आपका ऑफिस में दिन अच्छा न गुज़रा हो , स्थिति चाहे कुछ भी हो अपने बच्चे के लिए समय निकालना आपका हक बनता है। ऐसा करने से आपके और बच्चे के बीच में रिश्ता और गहरा होगा। ध्यान रहे कि यह समय सिर्फ आप और आपके बच्चे का ही हो  , इस समय में कोई तीसरा व्यक्ति नहीं होना चाहिए। कई बार वक्त की कमी के चलते बच्चे अपनी मां से दूर होने लगते हैं और उन्हें लगता है कि उनकी मां उनसे प्यार नहीं करती है। इसलिए ऐसा न हो , इसके लिए आप अपने बच्चे को उनका पूरा समय दें। 


माता- पिता दोनों बनें
कोशिश करें कि बच्चे को कभी पिता की कमी न खले। उनके दिमाग में इस तरह का ख्याल तक न आने दें कि अगर  उनके पापा होते तो चीजें कुछ और होती। इसलिए अपने बच्चे को केवल मां का ही नहीं एक पिता का भी प्यार दें। 


गुस्सा न करें 
अकेले सारी जिम्मेदारी संभालते वक्त गुस्सा या चिड़चिड़ापन आना लाजमी है। लेकिन अपने गुस्से को थोड़ा काबू करने की कोशिश करें , क्योंकि अगर आप हर बात पर गुस्सा करने लगेंगी तो इससे आपका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इसके अवाला दूसरों का गुस्सा और अपने काम का गुस्सा अपने बच्चों पर न निकालें। कई बार बच्चे ऐसी हरकतें कर देते हैं जिससे गुस्सा आने लगता है लेकिन उस समय उन्हें डाटने और पीटने की बजाय बच्चे से शांति से बात करें और खुद को भी शांत रखें। 


बच्चे को समझने की कोशिश करें
सिंगल मदर को अपने बच्चे को समझना बेहद जरूरी है। आप दुनिया की बातों को परे रखकर सिर्फ अपने बच्चे पर ध्यान दें क्योंकि अब वह आपका और आप उनका इकलौता सहारा हैं। इसलिए अपने बच्चे के स्वभाव को समझने की कोशिश करें। वह चीजों के प्रति कैसी सोच रखते हैं , इस बात पर भी ध्यान दें। आप अपने बच्चे को बेहतर बनाने के लिए क्या कर सकती हैं , इस स्थिति में अपनी क्षमता को पहचाने। 


हमेशा हंसते रहें
कोशिश करें कि आपके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहें। अपने बच्चे के सामने अपना दुख कम जाहिर करें। अपने बच्चे को भी हसने की कला सिखाएं और किसी भी मुश्किल परिस्थिति का हंसते हुए सामना करें। आपको देख आपका बच्चा भी हमेशा मुस्कुराता रहेगा और आपसे यू हीं  हसंते हुए हर परिस्थिति से लड़ने की सीख लेगा। 








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