मराठी अदाकारा सारा श्रवण को साथी अभिनेता द्वारा दर्ज 15 लाख रुपये के वसूली मामले में पुणे पुलिस की अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. सारा श्रवण को सारा सोनवणे के नाम से भी जाना जाता है. उनकी गिरफ्तारी के साथ मामले में अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

 

 

पुलिस ने रविवार को बताया कि श्रवण ने उदीयमान अभिनेता सुभाष यादव के साथ काम किया था और फिल्म रिलीज होने के बाद उनके खिलाफ छेड़खानी का एक मामला दर्ज कराया था. उन्होंने कहा, ‘‘एक आरोपी राम जगदाले ने सौदे में बिचौलिए का काम किया. यादव ने अपनी हरकतों के लिए माफी मांगने वाला एक वीडियो तैयार किया. आरोपी ने वीडियो सार्वजनिक नहीं करने के बदले में यादव से 15 लाख रुपये मांगे थे.’’

 

 

हालांकि, एक अन्य महिला अदाकारा ने वीडियो को लीक कर दिया जिसके बाद यादव ने पुलिस से संपर्क किया और वसूली का एक मामला दर्ज कराया. उन्होंने कहा, ‘‘सारा श्रवण उर्फ सारा सोनवणे की अग्रिम जमानत याचिका पुणे अदालत में खारिज होने के बाद शनिवार को मुंबई में लोअर परेल से उन्हें गिरफ्तार किया गया.’’

 

 


उच्चतम न्यायालय ने मलयालम अभिनेता दिलीप की याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाया कि ‘मेमोरी कार्ड’ या ‘पेन ड्राइव’ की सामग्रियां इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड हैं और उन्हें भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत ‘‘दस्तावेज’’ समझा जाना चाहिए.

 

 

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर किसी आपराधिक मामले में अभियोग मेमोरी कार्ड/पेन ड्राइव की सामग्रियों पर निर्भर है, तो आरोपी को इसकी प्रति दी जानी चाहिए ताकि वह सुनवाई के दौरान अपना प्रभावी बचाव कर सके. दिलीप ने केरल उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए एक अभिनेत्री के अपहरण एवं यौन उत्पीड़न संबंधी 2017 के मामले में एक सेल फोन के मेमोरी कार्ड की प्रति मांगी थी.

 


न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि जिन मुकदमों में शिकायतकर्ता/गवाह की निजता या उसकी पहचान जैसे मामले शामिल हैं, ऐसे में अदालत सुनवाई के दौरान प्रभावी बचाव के लिए केवल आरोपी, उसके वकील या विशेषज्ञ को ही सामग्री मुहैया कराए.

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