लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित किए जाने के बाद आज (बुधवार) इस विधेयक पर राज्यसभा में चर्चा हुई। नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर देश भर में हर किसी की राय बंटी नजर आ रही है। बहुत से संगठन ने और राजनेताओं ने नागरिकता संशोधन विधेयक की आलोचना की है। वहीं फिल्मी कलाकारों, लेखकों, शिक्षाकों और पूर्व न्यायाधीशों सहित करीब 700 हस्तियों ने सरकार को पत्र लिखकर इस विधेयक को वापस लेने की अपील की है। 

 

 

अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार सरकार को पत्र लिखने वालों की लिस्ट में जावेद अख्तर, नसीरुद्दीन शाह, नंदिता दास, अपर्णा सेन, इतिहासकार रोमिला थापर, लेखक अमिताव घोष, आनंद पटवर्धन, सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव, तीस्ता सीतलवाड़, हर्ष मंदर, अरुणा राय, बेजवाड विल्सन, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व जज एपी शाह और देश के पहले सीआईसी वजाहत हबीबुल्ला सहित तमाम बड़ी हस्तियों ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर नागरिकता संशोधन विधेयक पर विरोध जताया है।

 

 

इन सभी हस्तियों ने अपने पत्र में लिखा है,'सांस्कृतिक और शैक्षिक वर्ग के लोग इस विधेयक को भेदभावपूर्ण, विभाजनकारी और असंवैधानिक बताते हुए इसकी आलोचना करते हैं। एनआरसी की तरह ये भी देश के लोगों के लिए पीड़ा बनेगा। यह भारतीय गणतंत्र को नुकसान पहुंचाएगा। इसलिए सरकार से हमारी अपील है कि इस विधेयक को वापस लिया जाए।' इनके अलावा बॉलीवुड के कई सितारों ने भी सोशल मीडिया पर सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक की आलोचना की है। 

 

 

सोशल मीडिया पर नागरिकता संशोधन विधेयक की आलोचना करने वालों में अभिनेत्री ऋचा चड्ढा,स्वरा भास्कर, आलिया भट्ट की मां सोनी राजदान, गौहर खान और मशहूर निर्देशक ओनिर का नाम शामिल है। आपको बता दें कि असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ दो छात्र संगठनों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान के बाद ब्रह्मपुत्र घाटी में जनजीवन ठप है। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन की ओर से बुलाए गए 11 घंटे के बंद का असर बंगाली बहुल बराक घाटी में कुछ खास नहीं रहा। 

 

 

शहर के मालीगांव क्षेत्र में एक सरकारी बस पर पत्थरबाजी हुई और एक स्कूटर को आग के हवाले कर दिया गया। वहीं आसामी अभिनेता उत्पल दास और अभिनेत्री वर्षा रानी बिस्वास भी इस प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। वहीं नागरिकता संशोधन विधेयक-2019 लोकसभा में पास होने और राज्यसभा में आज पेश होने के बीच कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मुखर होकर सड़कों पर उतरने की रणनीति बनाई है। कांग्रेस राज्यसभा के अंदर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष के अलावा अन्य दलों को इसके विरोध में उतारने की रणनीति के साथ अब खुलकर विरोध दर्ज कराएगी। इसके तहत कांग्रेस ने बुधवार को देश में सभी राज्य मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

 

 

 

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