मुंबई। आर्थिक मंदी के बीच फिल्म के बॉक्स आफिस (Box Office of India) की कमाई में 27 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई। बाजार के विश्लेषक इसे ऐसे ऐसी आर्थिक घटना के रूप में देख रहे हैं जब आर्थिक कठिनाई के दौर में लोग महंगे शौक के सस्ते विकल्पों में सुख ढूंढते हैं। एक विश्लेषण के अनुसार संभवत: यही कारण है कि आर्थिक नरमी का वर्तमान दौरान 2019 सिनेमाघर व्यवसाय के लिए उद्धारक साबित हुआ है। केयर रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में इसे 'लिपिस्टिक इफेक्ट' या ‘होठ-लाली प्रभाव’ बताया है जिसमें महंगे श्रृंगार के अभाव को सस्ती होठ-लाली से ढंका जाता है। उपभोक्ता विलासिता की भव्य वस्तुओं पर अपना पैसा फूंकने के बजाय आर्थिक मंदी में छोटे-मोटे कामों पर खर्च करना पसंद करते हैं।


सरकारी अनुमान के मुताबिक, भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वित्तवर्ष 2020 में घटकर पांच प्रतिशत रह सकती है। घरेलू रेटिंग एजेंसी ने कहा कि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन वर्ष 2019 में 27 प्रतिशत बढ़कर 5,613 करोड़ रुपये हो गया है और पिछले पांच सालों में साल दर साल इसमें 13.4 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है। पिछले पांच सालों में आर्थिक विकास दर में गिरावट देखने को मिली है।

इसने कहा कि छोटे खर्चों के संदर्भ में आये बदलाव के अलावा, बेहतर सामग्री और सिनेमा टिकटों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में गिरावट ने भी फिल्म उद्योग की मदद की है। एक फिल्म की औसत कमाई 15 प्रतिशत बढ़कर 23 करोड़ रुपये हो गई, जबकि शीर्ष -10 फिल्मों ने वर्ष के दौरान राजस्व के 42 प्रतिशत हिस्सेदारी को हासिल किया।

इसमें कहा गया है कि एक हॉलीवुड फ्रैंचाइज़ी, 'एवेंजर्स: एंडगेम्स', ने वर्ष 2019 में भारतीय फिल्म देखने वाले दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया गया और यह सबसे सफल वाणिज्यिक फिल्म के रूप में उभरा। इस फिल्म ने अकेले 373 करोड़ रुपये की कमाई की।

 

उन्होंने कहा कि पिछले साल के सात फिल्मों के मुकाबले वर्ष 2019 में तेरह फिल्मों ने 100 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया, जबकि बॉलीवुड की छह फिल्मों ने 2019 में 200 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया।


एक नई प्रथा के बारे में, रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अब फिल्मों की, अपने बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के लिए विदेशी बाजारों पर निर्भरता बढ़ती जा रही हैं और इसके लिए आमिर खान की फिल्म 'दंगल' का हवाला दिया, जिसने अपने 1,968 करोड़ रुपये के कुल कलेक्शन का तीन-चौथाई से अधिक कमाई विदेशी बाजारों से की।

इसमें स्पष्ट कहा गया है कि चीन, मध्य पूर्व, ताइवान, मलेशिया, हांगकांग और यूके जैसे भौगोलिक क्षेत्रों में भारतीय फिल्म सामग्री की प्रति लोगों की पसंद बढ़ती जा रही है। औसत टिकट की कीमत दिसंबर तक के नौ महीने में घट गई है, जिसका मुख्य कारण जीएसटी दरों में गिरावट आना है। इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार और कर्नाटक जैसे राज्यों में यह कर 50 प्रतिशत के स्तर से नीचे आ गया है।

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