बॉलीवुड अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद से सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रही हैं। उन्होंने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई कांग्रेस बड़े लक्ष्यों पर ध्यान देने की बजाय उनका इस्तेमाल राजनीति करने के लिए कर रही है। अचानक से पार्टी छोड़ने के बाद से सोशल मीडिया यूजर्स उर्मिला मातोंडकर को ट्रोल कर रहे हैं। 



Abhinav Thakur ने उर्मिला मातोंडकर का मजाक बनाते हुए ट्विटर पर लिखा- 'सूत्र कह रहे हैं कि वह अब महबूबा मुफ्ती की पार्टी ज्वाइन करने वाली हैं और अपने कश्मीरी पति के साथ मिलकर पत्थर फेंकने वाली हैं।' Shalini Bajpai ने लिखा- 'उर्मिला मातोंडकर, जिन्होंने उत्तरी मुंबई से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और हार गईं, उन्होंने अब पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हो जा रंगीला रे... रंग बदलती लेडी केजरीवाल उर्मिला।' 



Raghav Masoom ने फिल्म मुन्ना भाई एमबीबीएस के डायलॉग्स के साथ उर्मिला मातोंडकर के राजनीतिक करियर को जोड़ते हुए संजय दत्त और अरशद वारसी की तस्वीर शेयर की। इस तस्वीर में लिखा था- 'भाई,ये तो शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया।' इसके अलावा सोशल मीडिया पर और भी कई तरह के मीम्स बनाकर उर्मिला मातोंडकर को ट्रोल किया जा रहा है। 



गौरतलब है कि उर्मिला मातोंडकर ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देते समय अपने बयान में कहा कि मुंबई कांग्रेस के मुख्य पदाधिकारी पार्टी को मजबूत बनाना चाहते नहीं हैं अथवा वे ऐसा करने में अक्षम हैं। उन्होंने कहा कि मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। मेरी राजनीतिक और सामाजिक संवेदनाएं निहित स्वार्थों (वाले व्यक्तियों) को इस बात की इजाजत नहीं देती कि मुंबई कांग्रेस में किसी बड़े लक्ष्य पर काम करने के बजाय मेरा इस्तेमाल ऐसे माध्यम के रूप में किया जाए जिससे अंदरूनी गुटबाजी का सामना किया जा सके। 



बात को आगे बढ़ाते हुए मातोंडकर ने कहा कि उनके मन में पहली बार इस्तीफा देने की बात तब आई जब मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा को 16 मई के लिखे पत्र में उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अपने पत्र में उन्होंने मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम के करीबी सहयोगियों संदेश कोंदविल्कर और भूषण पाटिल के कृत्यों की आलोचना की थी। मातोंडकर ने दावा किया कि उत्तरी मुंबई में कांग्रेस के घटिया प्रदर्शन के लिए कुछ जिम्मेदार लोगों के नाम उन्होंने अपने पत्र में लिखे, लेकिन उनकी जवाबदेही तय करने की जगह उन्हें नए पदों के रूप पुरस्कार दिया गया।


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