चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने बुधवार को चीनी कंपनी बाइटडांस की स्वामित्व वाला मोबाइल एप्लीकेशन टिकटॉक से कुछ शर्तो के साथ प्रतिबंध हटा लिया। अधिवक्ता मुथुकुमार द्वारा दायर मुकदमे में फैसला देते हुए पीठ ने ऐप से अंतरिम प्रतिबंध इस शर्त पर हटा लिया कि ऐप पर अश्लील वीडियो को अपलोड नहीं किया जाएगा। अदालत ने कहा कि अगर वह ऐसा करते है तो अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाएगी।


टिकटॉक ने एक बयान में कहा कि हम इस फैसले से खुश हैं और हमारा मानना है कि इसका स्वागत भारत में हमारे बढ़ते समुदाय के द्वारा भी किया जाएगा, जो टिकटॉक का उपयोग अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन के लिए करता है। इससे पहले इसी महीने उच्च न्यायालय ने अधिवक्ता मुथुकुमार द्वारा दायर एक याचिका पर केंद्र सरकार को भारत में ऐप को डाउनलोड करने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था और मीडिया को ऐप का उपयोग करके लिए गए वीडियो को प्रसारित करने से मना कर दिया था।
यूजर्स के लिए सुरक्षा फीचर बढ़ाएगा टिकटॉक


मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंध हटाये जाने के बाद चीन के वीडियो साझा करने वाले एप टिकटॉक ने कहा है कि वह अपने 12 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ताओं के सुरक्षा फीचर को और मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है। मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए टिकटॉक ने एक बयान में कहा कि हम इस फैसले से खुश हैं। हमारा मानना है कि हमारे भारतीय उपयोगकर्ता ने भी इसका जोरदार स्वागत किया है, जो टिकटॉक का इस्तेमाल अपनी रचनात्मकता दिखाने के लिए करते हैं।
अगले तीन साल में एक अरब डॉलर के निवेश की तैयारी में टिकटॉक


उनका कहा है कि एप के दुरुपयोग के खिलाफ कंपनी के प्रयासों को मान्यता मिली है। एपल और गूगल को यह जानने के लिए ईमेल किया गया है कि उन्हें टिकटॉक एप को अपने एप स्टोर पर उपलब्ध कराने में कितना समय लगेगा। लेकिन उनकी तरफ से अब तक कोई सूचना नहीं मिली है। टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस ने कहा है कि वह अब भी भारतीय बाजार को लेकर ‘बहुत आशावान’ है क्योंकि अगले तीन साल में उसकी योजना देश में एक अरब डॉलर के निवेश की है।


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