बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने लेखक जावेद अख्तर अपने बर्का-घूंघट बयान के कारण विवाद में फंस गए हैं। हाल में जावेद अख्तर भोपाल में एक इवेंट के लिए गए थे, जहां उन्होंने शिवसेना द्वारा बुर्का बैन मांग पर बात की और कहा ‘अगर आप यहां बुर्का बैन करना चाहते हैं, मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन सरकार को राजस्थान में वोटिंग से पहले घूंघट पर भी बैन करना चाहिए। मुझे लगता है कि बुर्का और घूंघट दोनों ही बैन होने चाहिए।’

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करणी सेना महाराष्ट्र विंग के अध्यक्ष जीवन सिहं सोलंकी ने मीडिया से खास बातचीत करते हुए बताया कि बुर्का आंतकवाद से जुड़ा है, जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल है। उन्होंने कहा कि हमने पत्र भेजकर जावेद अख्तर को मांफी मांगने को कहा है। 


यदि उन्होंने तीन दिन में मांफी नहीं मांगी तो परिणाम भुगतने को तैयार रहें। सोंलकी ने पत्र के साथ एक वीडियो रिकॉर्डिंग भेजी है, जिसमें उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह मांफी नहीं मांगते हैं तो हम आपकी आंखें बाहर निकाल देंगे और आपकी जीभ बाहर निकाल देंगे और घर में घुसकर मारेंगे। 


बता दें कि इससे पहले करणी सेना ने फिल्म 'पद्मावत' के लिए संजय लीला भंसाली के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किया था। इसके अलावा फिल्म 'मणिकर्णिका' के निर्माताओं को भी धमकी दी थी। उधर, जावेद अख्तर ने ट्वीट कर कहा कि कुछ लोग मेरे बयान को तोड़मरोड़कर गलत मतलब निकाल रहे हैं। मैंने कहा था कि शायद श्रीलंका में सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध किया गया है लेकिन बुर्के या घूंघट को प्रतिबंधित करना महिला सशक्तीकरण के लिए जरूरी है। 


बताते चलें कि गीतकार जावेद अख्तर ने भोपाल में गुरुवार को कहा था कि देश में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने पर उन्‍हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार राजस्थान में 6 मई को होने वाले लोकसभा सीटों के लिए मतदान से पहले घूंघट प्रथा पर भी प्रतिबंध लगाए।



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