22 साल पहले आज ही के दिन सिनेमाघरों में एक फिल्म रिलीज़ हुई थी जिसे सही मायनों में भारत की सबसे बड़ी वॉर फिल्म कहा जा सकता है. जेपी दत्ता की मशहूर फिल्म बॉर्डर 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध पर आधारित थी. साल 2019 में भले ही उरी जैसी फिल्में बन रही हों जो तकनीक, सिनेमैटोग्राफी और बजट के मामले में बेहतर हो लेकिन बात अगर किसी फिल्म के साथ जुड़ाव, भावनाओं और नॉस्टेलजिया की हो तो बॉर्डर से बेहतर वॉर फिल्म मिलना मुश्किल है. शायद यही कारण है कि इस फिल्म को राष्ट्रीय एकीकरण के लिए बेस्ट फीचर फिल्म का नरगिस दत्त अवॉर्ड भी दिया गया था. 3 नेशनल अवॉर्ड्स जीत चुकी बॉर्डर साल 1997 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी.

जेपी दत्ता यूं तो कई नॉन वॉर फिल्में बना चुके हैं लेकिन वे अपनी युद्ध वाली फिल्मों के चलते ही चर्चा में रहे हैं और इनमें सबसे प्रमुख नाम बॉर्डर का ही है. दत्ता का दावा है कि इंडियन सिनेमा के इतिहास में उनकी फिल्म ‘बॉर्डर’ पहली फिल्म थी जिसने खुले तौर पर पाकिस्तान को शत्रु के तौर पर चिन्हित किया.

जेपी दत्ता को सरहदों से कितना लगाव है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी पहली फिल्म भी बॉर्डर के बारे में थी. उस फिल्म का नाम 'सरहद' था. इस फिल्म की कहानी भारतीय युद्धबंदियों के बारे में थी. इसमें विनोद खन्ना, बिंदिया गोस्वामी और मिथुन चक्रवर्ती लीड रोल कर रहे थे. फिल्म की शूटिंग 1976 में शुरू हुई जो 60 परसेंट पूरी हो चुकी थी लेकिन आर्थिक कारणों से इसे बंद करना पड़ा. उनका भाई दीपक इंडियन एयर फोर्स में स्क्वॉड्रन लीडर था और ड्यूटी के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. उसी की याद में जे. पी. दत्ता ने ‘सरहद’ प्लान की थी.

खास बात ये है कि जब दत्ता ‘बॉर्डर’ बनाने जा रहे थे, उस दौरान पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे. दत्ता ने उन्हें अर्जी भेजकर उनसे शूटिंग के लिए मंजूरी और सेना के सहयोग की बात लिखी थी. नरसिम्हा राव ने वो अर्जी पढ़ी थी और उसके नीचे एक छोटा सा नोट लिखा था, 'पूरा सहयोग दिया जाए.' कहा जाता है नरसिम्हा राव ने कहा था, 'ये फिल्म तो बननी ही चाहिए.'

'बॉर्डर' की रिलीज़ होने के बाद उनकी चर्चा दूर-दूर तक फैल गई थी जिससे दत्ता की सुरक्षा को खतरा हो गया था. उस दौरान के पुलिस कमिश्नर ने दत्ता को फोन किया था और कहा था कि उनकी जान को खतरा है इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए दो हथियारबंद लोग भेजे गए जो तीन-चार महीने उनकी सुरक्षा में रहे थे. जेपी ने इस फिल्म के निर्माण के लिए अपनी उस डायरी का रेफरेंस भी लिया था जिसमें उन्होंने अपने भाई के एयरफोर्स में बिताए गए लम्हों को शेयर किया था. उन्होंने अपनी फिल्म बॉर्डर को अपने भाई के लिए डेडिकेट भी की थी.

सनी देओल ने फिल्म में भारतीय आर्मी ऑफिसर कुलदीप सिंह चंदापुरी की भूमिका निभाई थी. कुलदीप को भारतीय सेना ने उनके पराक्रम के लिए महावीर चक्र सेना के सम्मान से नवाजा था. इस फिल्म में यूं तो कई सितारों ने काम किया था लेकिन कई सितारे ऐसे भी थे जो इस फिल्म का हिस्सा बनने से चूक गए थे.

संजय दत्त इस फिल्म में पहले विंग कमांडर एंडी बाजवा का रोल करने वाले थे लेकिन उनके जेल विवाद के चलते इस रोल को जैकी श्रॉफ ने निभाया था. गौरतलब है कि इस फिल्म में लेफ्टिनेंट धरमवीर के रोल के लिए सलमान खान, आमिर खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन और सैफ अली खान को अप्रोच किया गया था लेकिन आखिरकार इस रोल को नए एक्टर अक्षय खन्ना ने निभाया था.

सलमान इस रोल के लिए तैयार नहीं थे वही आमिर उस समय इश्क की शूटिंग कर रहे थे. सैफ और अक्षय ने इस फिल्म का हिस्सा बनने से इंकार किया था वही अजय मल्टीस्टारर फिल्म का हिस्सा नहीं बनना चाहते थे. इसके अलावा मनीषा कोईराला ने भी इस फिल्म को साइन किया था लेकिन उन्होंने बाद में इस फिल्म के लिए मना भी कर दिया था. इसके अलावा जूही चावला ने कुलदीप सिंह की पत्नी का रोल ठुकरा दिया था जिसे बाद में तब्बू ने निभाया था. जूही दरअसल इस फिल्म में छोटा रोल नहीं करना चाहती थीं.

इस फिल्म को भारत की सबसे बड़ी वार मूवी इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि इस फिल्म के लिए कुछ ऐसे इंतजाम किए गए थे जो इससे पहले कभी नहीं हुए थे. मसलन, फिल्म के लिए असली हॉकर हंटर्स का इस्तेमाल किया गया था. इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल युद्ध में भी हुआ था. कई असली सैनिकों ने फिल्म की शूटिंग में भाग लिया था और फिल्म में ज्यादातर हथियार मसलन टैंक, आर्मी जीप और बाकी हथियार भी वहीं थे जिन्हें युद्ध में इस्तेमाल किया गया था. इस फिल्म की शूटिंग में रियल फील देने के लिए बीकानेर के बंजर रेगिस्तान में शूटिंग हुई थी.


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