नाना पाटेकर को कथि‍त तौर पर मुंबई पुलिस से मिली क्लीन चिट के बाद से तनुश्री दत्ता लगातार हमलावर हैं। अब उन्होंने एक बार फिर मुंबई पुलिस को कटघरे में लिया है। तनुश्री ने कहा है कि नाना ने पुलिस को इस केस को बंद करने की रिश्वत दी है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते ही ओशिवारा पुलिस ने बी समरी रिपोर्ट पेश कर दी थी, जिसका मतलब है कि केस में शिकायत को लेकर कोई ठोस सुबूत नहीं मिला है।


क्लोजर रिपोर्ट में पुलिस ने बताया झूठा

ओशिवारा पुलिस ने बी समरी रिपोर्ट फाइल करते हुए लिखा था कि यह दुर्भावनापूर्ण इरादे से की गई झूठी शिकायत थी। सिन्टा में दर्ज कराई गई शिकायत में भी किसी तरह के सेक्सुअल हैरेसमेंट का जिक्र नहीं किया गया था। तनुश्री ने सितम्बर 2018 में नाना पाटेकर के खिलाफ हैरेसमेंट का केस दर्ज कराया था। जो 2008 में फिल्म हॉर्न ओके प्लीज की शूटिंग के दौरान हुआ था।


तनुश्री ने आगे कहा- मुंबई पुलिस ने अदालत को दी रिपोर्ट में झूठ बोला है। मुझे झूठा करार देते हुए पुलिस ने यह रिपोर्ट दी कि 11 साल पहले वारदात के बाद जो शिकायत मैंने तब CINTAA में की थी, उसमें मैंने सेक्सु्अल हैरेसमेंट का जिक्र नहीं किया था। जबकि‍ ऐसा नहीं है। CINTAA को जो शिकायत मैंने की थी, उसमें हैरेसमेंट की बात साफ लिखी थी। तब तो मेरा एफआईआर भी एक्सेप्ट नहीं किया जा रहा था। तब उसे तोड़-मरोड़कर जारी किया गया। बाद में सिंटा ने माफीनामा भी जारी किया जो मीडिया में प्रमुखता से छापा भी गया।


इतना ही नहीं तनुश्री ने केस का निर्णय करने वाले जज को भी इस मामले में शामिल करते हुए कहा- "मैं अदालत के मजिस्ट्रेट से पूछना चाहती हूं कि इस रिपोर्ट को जो मंजूरी दी गई उसे स्वीकार करने के लिए आपने कितना पैसा खाया है जो अपने आपने किया वह दुर्भावनापूर्ण है। नाना पाटेकर ने खुद को क्लीन चिट दिलाने के लिए कई अधिकारियों को रिश्वत के रूप में कितना पैसा दिया था।"


तनुश्री ने इस पूरी घटना को सबसे बड़े स्तर का भ्रष्टाचार बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उल्लेख करते हुए बयान में लिखा- "मोदी जी.. भ्रष्टाचार मुक्त भारत का क्या हुआ? एक कट्टर हिंदू परिवार में पैदा होने के नाते मैंने सुना था कि राम नाम सत्य है तो फिर क्यूं इस देश में असत्य और अधर्म की बार-बार विजय होती है। जवाब दीजिए मुझे।"




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