'देव डी', 'गुलाल', 'साहब बीवी गैंगस्टर' और 'दबंग' जैसी सुपरहिट फ्रेंचाइज फिल्मों में अपने बेहतरीन ऐक्टिंग से दर्शकों के बीच एक अलग और शानदार जगह बनाने वाली अभिनेत्री माही गिल इन दिनों अपनी रिलीज़ के लिए तैयार फिल्म 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज' के प्रमोशन में जुटी हैं। इसी दौरान एक खास बातचीत में माहि ने अपनी जिंदगी से जुड़ा बड़ा खुलासा किया और बताया कि वह पौने तीन साल की बेटी की प्राउड मदर हैं। 



माही ने बताया करीब तीन साल पहले उन्होंने अपनी बेटी को जन्म दिया था, लेकिन इस बात को कभी भी छिपाने की कोशिश भी नहीं की। माही कहती हैं, 'मुझे कभी भी किसी मीडिया वाले ने सवाल ही नहीं किया। न किसी ने पूछा, न मैंने बताया। आज पहली बार आपने बात की तो मैंने बता दिया। मुझे बहुत गर्व है कि मैं एक बेटी की मां हूं। हां मैंने अब तक शादी नहीं की है, जब लगेगा कि शादी करना है तो कर लूंगी। इस साल अगस्त में मेरी बेटी 3 साल की हो जाएगी।' शादी को लेकर शुरू हुए एक सवाल पर माही ने जब अपनी बात कहना शुरू किया तो खुद ही बताने लगीं। 



शादी की क्या प्लानिंग है, कब करेंगी?
क्या करना है शादी करके। क्या जरूरत है शादी की। ऐसे खुश हैं न। मुझे लगता है बिना शादी के रहा जा सकता है। यह सब अपनी-अपनी सोच और समय पर निर्भर है। बिना शादी के फैमिली भी बनाई जा सकती है और बच्चे भी किए जा सकते हैं। यह सबकी अपनी पर्सनल सोच हो सकती है। शादी के बिना बच्चों के होने में कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए, मुझे नहीं लगता इसमें कोई समस्या है। मैं तो बिल्कुल बिना शादी के बच्चे की मां बनने को तैयार भी हूं। मुझे लगता है हर किसी की अपनी लाइफ है, हर किसी के अपने सिद्धांत हैं, जिंदगी जीने के, हमें हर किसी की सोच की रिस्पेक्ट करनी चाहिए। शादी बहुत खूबसूरत चीज है, लेकिन करना या न करना व्यक्तिगत चुनाव है। 



कैसा लाइफ पार्टनर चाहती हैं?
जो मेरा ख्याल रखे, प्यार करे, बुद्धिमान हो। मुझे मेरी आजादी बहुत महत्वपूर्ण लगती है, उसका फ्रीडम का ध्यान रखे, अगर फ्रीडम नहीं मिलेगी तो मैं कुछ नहीं कर पाऊंगी। मुझे ऐसा साथी मिल चुका है। मैं सिंगल नहीं हूं। प्यार मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, बहुत विश्वास है। प्यार में होना बहुत बेहतरीन बात है। दरअसल मेरे बॉय फ्रेंड गोवा में बिजनस करते हैं, इसलिए मेरा गोवा जाना भी बहुत होता है। मैंने अभी तक शादी नहीं की है। हम दोनों लिव इन रिलेशन में हैं। शादी बाद में करेंगे। मेरी एक बेटी भी है, जो लगभग 3 साल की है। बेटी का नाम वेरोनिका है। मेरी बेटी का ध्यान मेरी आंटी रखती हैं। बिटिया मेरे साथ मुंबई में ही रहती है। 



फिल्म 'फैमिली ऑफ ठाकुरगंज' के बारे में?
दबंग बीवी का किरदार निभा रही हूं, ऐसी बीवी जो बहुत दबंगई से रहती है और अपने सभी फैसले खुद करती है। उसकी एक बेटी है, एक सास है, सास के साथ उसकी बहुत ही इंट्रेस्टिंग केमेस्ट्री है। बहुत ही फैमिली टाइप की कहानी है, 2 भाइयों की कहानी के साथ-साथ मेरे किरदार का अनोखा रोमांटिक ऐंगल भी है, ऐसा प्यार पहले कभी भी मेरे हिस्से में नहीं आया है।' 


असल जिंदगी में रंगबाजी बनाए रखने के लिए स्टैंड लेती हूं। जहां भी ऐसा लगता है कि मुझे स्टैंड लेना है, वहां जरूर लेती हूं। अपने सिद्धांतों पर चलती हूं। 


मैं संकोची बहुत हूं, इसलिए बहुत ज्यादा लोगों के बीच उठना-बैठना भी नहीं होता। जैसे ही मेरा काम खत्म होता है, मैं घर भागती हूं। मैं अपने इस व्यवहार को खुद भी गलत मानती हूं। बॉलिवुड में काम करती हूं तो लोगों के बीच व्यवहार बना कर रखना चाहिए, पार्टियों में जाना चाहिए, कई बार लगता है कि मैं गलत फील्ड में तो नहीं आ गई। अगर कभी किसी पार्टी में भी जाती हूं तो अपने शर्मीले स्वभाव की वजह से कोना पकड़ कर बैठ जाती हूं। पार्टियों में रंगबाजी नहीं दिखाती हूं। 



फिर किस तरह की पार्टियां इंजॉय करती हैं?
ऐसी पार्टियां, जो किसी के घर में लिमिटड लोगों के साथ हों, जहां खुद ही सब लोग मिलकर खाना बनाया जा रहा, परिवार और दोस्त मौजूद हों। कहने का मतलब मुझे एकदम देसी पार्टियां पसंद हैं। 


बॉलिवुड की पार्टियों में कोने में क्यों बैठती हैं, क्या खुद को बाहरी महसूस करती हैं?
यह मेरा स्वभाव है, शर्मीला और संकोची स्वभाव। मुझे ज्यादा लोगों को देखकर नर्वस फील होता है। घबराने भी लगती हूं। कई बार लगता है किससे क्या बात की जाए। इसीलिए एक कोने में बैठ जाती हूं 



क्या पार्टियों में किसी से न घुलना-मिलना, आपके काम में असर डालता है?
मुझे नहीं लगता कि पार्टियों में मेल-जोल बढ़ाने से पर्सनली मुझे कोई बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है, लेकिन यह भी सच है कि लोगों से मिलते रहना चाहिए। शायद मैं यह सब अपने नेचर की वजह से नहीं कर पाती हूं। 



कहा जाता है, बॉलिवुड में नेटवर्किंग और काम के लिए पार्टियों में जाना चाहिए, इससे ऐक्टर्स निर्देशक-निर्माता की नजर में बनें रहते हैं। क्या यह सच है?
जी हां, जब आप फिल्म मेकर्स को पार्टियों में दिखाई देते रहते हैं तो लोगों को लगता है कि आप काम कर रहे हैं, अगर आप नहीं दिखाई देंगे तो लोग सोचते हैं आप गायब हो गए हैं। 



आप सुंदर हैं, बेहतरीन ऐक्ट्रेस हैं, आपकी अपनी ऑडियंस है और एक दर्शक वर्ग आपकी फिल्मों का इंतजार भी करता है। इतनी काबिल होने के बाउजूद बड़ी कमर्शल फिल्मों से क्यों दूर हैं? 
मुझे किसी भी धर्मा बड़े बैनर ने अप्रोच ही नहीं किया तो मैं क्या करूं? शायद मैं अपने इतने काम से ही संतुष्ट हूं, अब तक जो भी काम मिला है, बहुत थोड़ा, लेकिन बेहतरीन काम किया है। इस काम के लिए मैं सभी फिल्म मेकर्स का शुक्रिया करती हूं। मुझे अभी बहुत काम करना है। अभी तो बहुत कुछ बाकी है, जो नहीं किया है। अब मुझे डिजटल में मेरे मन का काम मिल रहा है। इस साल मैं अपने दर्शकों को संतुष्ट कर दूंगी, मेरा बहुत काम सामने आने वाला है। 



खुद को शर्मीली और संकोची कहती हैं, लेकिन परदे पर तमंचे से डरा-डरा कर मोहब्बत करती हैं, यह दबंगई कहां छिपाकर रखती हैं?
जो लोग शर्मीले और संकोची होते हैं, वह लोग अंदर से अग्रेसिव होते हैं, वही सब आपको परदे पर दिखाई देता है। असल जिंदगी में लोगों को नहीं डरा पाती हूं, इसलिए परदे पर डराने का काम कर लेती हूं। रियल लाइफ अपने मन का करती हूं। 



क्या आप मुखौटा लगाकर घूमती हैं?
हां, यह सच है कि मैं असल में ऐसी नहीं हूं। आप मेरे दोस्तों से पूछेंगे तो पता चलेगा मैं ऐसी ही हूं। अगर आप चुपचाप रहते हैं, कोने में बैठे रहते हैं तो आपको लोग पहचान नहीं पाएंगे कि आप कैसे हो? मैं बहुत गप्पे भी मारती हूं, लेकिन सिर्फ अपने लोगों के साथ। 



क्या आपको टाइपकास्ट कर दिया गया है?
पहले मुझे बहुत लगता था कि एक तरह के ही रोल मिल रहे हैं और अब भी मुझे एक जैसे रोल मिलते हैं। अब ऊब गई हूं एक जैसे किरदार करके। लोग मेरे पास साहब बीवी जैसा किरदार खूब लेकर आते हैं। मैं बार-बार वही किरदार नहीं करना चाहती हूं इसलिए कम काम करती हूं। अगर वही काम करती रहूंगी तो बोर हो जाऊंगी। 



फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वालों की सबकी अपनी किस्मत होती है। शुरू-शुरू में मुझे बहुत बुरा लगता था, जब मीडिया मेरे लिंकअप की खबरें छापती थी। अब कोई फर्क ही नहीं पड़ता है, पहले लगता था मेरी मां पढ़ेगी, भाई पढ़ेगा तो क्या सोचेंगे सब। अब पता चलेगा यह सब होता है और चलता है। 


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