'कभी कभी' और 'उमराव जान' जैसी खूबसूरत फिल्‍मों में धुनों को शायरी की तरह पिरोने वाले संगीतकार खय्याम (92) को गंभीर हालत में सुजय अस्‍पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। पिछले हफ्ते फेफड़ों में संक्रमण के चलते उनको अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था।


संगीत नाटक अकादमी पुरस्‍कार और पद्म भूषण से नवाजे गए मोहम्‍मद जहूर 'खय्याम' हाशमी ने 17 बरस की उम्र में पंजाब के लुधियाना शहर से म्‍यूजिक की दुनिया में सफर शुरू किया था।


एक खबर के मुताबिक 'कभी-कभी' और ब्‍लॉकबस्‍टर 'उमराव जान' के कामयाब संगीत के साथ ही खय्याम का करियर भी परवान चढ़ा और बॉलीवुड में उन्‍होंने अपने लिए खास जगह बनाई।


'नूरी', 'रजिया सुल्‍तान', 'बाजार' जैसी चर्चित फिल्‍मों में संगीत के साथ अमिट छाप छोड़ने वाले खय्याम को 2010 में लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया। उनको बेमिसाल धुनों के लिए फिल्‍म फेयर पुरस्‍कार के अलावा राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार भी दिए गए।


फिल्‍मी संगीत के इतर उनके गैर-फिल्‍मी संगीत को भी फैंस ने उसी तरह सराहा। 'पांव पड़ूं तोरे श्‍याम', 'ब्रज में लौट चलो' और 'गजब किया तेरे वादे पर ऐतबार किया' को काफी सराहा गया। उन्‍होंने मीना कुमारी से जुड़े अल्‍बम को भी संगीत दिया।


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