भारतीय सिनेमा के दिग्गज संगीतकार खय्याम बीते दिनों से आईसीयू में एडमिट थे और अब उनका निधन हो चुका है। जी हां, आपको बता दें कि खय्याम को पिछले दिनों फेफड़े में संक्रमण के बाद मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था और खय्याम 92 वर्ष के थे। वहीं उन्होंने मुंबई के सुजोय अस्पताल में आखिरी सांस ली थी। आपको बता दें कि खय्याम पिछले 10 दिनों से अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे और बीते दिनों से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी।


संगीतकार खय्याम ने अपने करियर में कई फिल्मों में संगीत दिया। उन्हें `कभी कभी और `उमराव जान जैसी फिल्मों के लिए फिल्मफेयर अवार्ड ​भी मिला है। इसके अलावा पद्म भूषण और कई पुरस्कारों से उन्हें नवाजा जा चुका है। खय्याम ने अपना पहला संगीत `हीर रांझा में दिया था। फिल्मी दुनिया में उन्हें असली पहचान मोहम्मद रफी के गीत अकेले में वह घबराते तो होंगे` से मिली। इसके बाद उन्हें कई फिल्मों में अपना संगीत दिया। इसके बाद उन्होंने अपने करिअर में पीछे मुकड़कर नहीं देखा। उनका जन्म पंजाब के राहों गांव में हुआ था।


आपको बता दें कि आज यानी मंगलवार को उनको अंतिम विदाई दी जाएगी। खय्याम का पूरा नाम मोहम्मद जहूर खय्याम हाश्मी था और खय्याम की मौत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। वहीं ट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा- ''सुप्रसिद्ध संगीतकार खय्याम साहब के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपनी यादगार धुनों से अनगिनत गीतों को अमर बना दिया। उनके अप्रतिम योगदान के लिए फिल्म और कला जगत हमेशा उनका ऋणी रहेगा। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं।''




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