उन्होंने बताया कि हमारे गांव या शहर की तरह यहां नैरोबी में छठ बाजार नहीं लगता, लेकिन छठ व्रत की सामग्री मिल जाती है। स्थानीय स्तर पर बांस का सूप, दउरा, कई भारतीय फल भी बाजार में उपलब्ध हैं। नई तकनीक के माध्यम से छठ के पूर्व अपने परिवार में माता- पिता से ऑनलाइन वीडियो कॉल कर आर्शीवाद लेकर छठ का व्रत पूरा करते हैं। कहते है कि हम सभी भारतीय अपनी मिट्टी व पंरपराओं की खुशबू को यहां के आमलोगों तक पहुंचा दिया है। स्थानीय लोग भी प्राकृतिक पूजा और इसमें शुद्धता का ख्याल रखे जाने के कायल हैं। अगले दिन एक भव्य कार्यक्रम के तहत भोजपुरी गायकों को आमंत्रित किया जाता है।
उन्होंने बताया कि हमारे गांव या शहर की तरह यहां नैरोबी में छठ बाजार नहीं लगता, लेकिन छठ व्रत की सामग्री मिल जाती है। स्थानीय स्तर पर बांस का सूप, दउरा, कई भारतीय फल भी बाजार में उपलब्ध हैं। नई तकनीक के माध्यम से छठ के पूर्व अपने परिवार में माता- पिता से ऑनलाइन वीडियो कॉल कर आर्शीवाद लेकर छठ का व्रत पूरा करते हैं। कहते है कि हम सभी भारतीय अपनी मिट्टी व पंरपराओं की खुशबू को यहां के आमलोगों तक पहुंचा दिया है। स्थानीय लोग भी प्राकृतिक पूजा और इसमें शुद्धता का ख्याल रखे जाने के कायल हैं। अगले दिन एक भव्य कार्यक्रम के तहत भोजपुरी गायकों को आमंत्रित किया जाता है।