बच्चों के पालन-पोषण के मामले में भारत दुनिया में 131वें नंबर पर है। बाल विकास के लिए समर्पित संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ की ओर से जारी इंडेक्स में भारत इराक, जिबूती और नामीबिया जैसे देशों से भी कहीं पीछे हैं। ‘दुनिया के बच्चों का भविष्य’ शीर्षक से प्रकाशित की गई रिपोर्ट में इराक 121वें स्थान पर है। यही नहीं तानाशाह किम जोंग उन के नेतृत्व वाला उत्तर कोरिया भी 112वें नंबर पर है।

 


भारत को बताया लोअर मिडिल इनकम वाला देश: दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहलाने वाले भारत के लिए यह चिंताजनक तस्वीर है। यही नहीं इंडेक्स में भारत को लोअर मिडिल इनकम देश के तौर पर दर्शाया गया है। चीन इस रैंकिंग में भारत से कहीं आगे 43वें स्थान पर है। इनकम के मामले में भी चीन को अपर मिडिल इनकम देश बताया गया है। रिपोर्ट में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि यह धरती लगातार बच्चों के जीने के लिए मुश्किल जगह बनती जा रही है।

 


एशिया के सिर्फ दो देश टॉप 10 में: बच्चों के flourishing index में नॉर्वे पहले नंबर पर है, जबकि दक्षिण कोरिया दूसरे और नीदरलैंड तीसरे नंबर पर है। यूरोपीय देश फ्रांस को चौथे, आयरलैड को 5वें और छठे नंबर पर डेनमार्क को रखा गया है। जापान 7वें नंबर पर है और बेल्जियम, आइसलैंड और युनाइटेड किंगडम क्रमश: 8वें, 9वें और 10वें नंबर पर हैं। टॉप 10 में एशिया से सिर्फ दक्षिण कोरिया और जापान ही जगह बना सके हैं।

 

आखिरी 10 देशों में अफगानिस्तान भी शामिल: दिलचस्प तथ्य यह है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को इस इंडेक्स में 39वां स्थान मिला है। रिपोर्ट में आखिरी 10 देशों में सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड, सोमालिया, नाइजर, माली, गुएना, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान, सिएरा लियो और अफगानिस्तान को रखा गया है। भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान इस इंडेक्स में 140वें और बांग्लादेश 143वें नंबर पर है।

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