भारत को अंगर्जों से आजाद कराने और देश को एक अलग पहचान दिलाने में हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बहुत बड़ा योगदान रहा है और आज 2 अक्तूबर को ना सिर्फ हमारा भारत देश बल्कि विश्व के कई देश उनकी 150वीं जयंती मना रहा है। पूरे भारत में तो गांधी जयंती को लेकर उल्लास होता ही है, लेकिन उनके जनमदिवस को उतने ही धूमधाम से विदेशों में भी मनाया जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक ऐसा भी देश है जहां गांधी जी कभी नहीं गए, लेकिन भारत के बाद उनकी सबसे ज्यादा मूर्तियां उसी देश में हैं। आगे पढ़ें वो कौन सा देश है। भारत के बाद अमेरिका में सबसे ज्यादा गांधी जी की प्रतिमाएं और स्मारक हैं। भले ही गांधी जी अमेरिका कभी नहीं आए, लेकिन उनके स्मारक और प्रतिमाएं यहां बड़ी संख्या में लगी हुई हैं। अमेरिका में गांधी जी की प्रतिमाओं और स्मारकों की संख्या को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है। उपलब्ध स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार, गांधी जी की दो दर्जन से ज्यादा से प्रतिमाएं यहां हैं। इतना ही नहीं, यहां एक दर्जन से ज्यादा सोसाइटी और संगठन भी गांधी जी से जुड़े हुए हैं।


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अटलांटा के ‘द गांधी फाउंडेशन ऑफ यूएसए’ के अध्यक्ष सुभाष राजदान के मुताबिक, भारत से बाहर अमेरिका में सबसे ज्यादा गांधी जी के स्मारक और प्रतिमाएं हैं। गांधी जी से संबंधित पहला स्मारक वाशिंगटन डीसी के मैरीलैंड के बेथिस्डा में गांधी मेमोरियल सेंटर बना था। 2 अक्टूबर, 1986 को न्यूयॉर्क सिटी के लोकप्रिय यूनियन स्क्वॉयर पार्क में पहली बार गांधी जी की प्रतिमा लगी थी। प्रतिमाओं के अलावा अमेरिका में बड़ी संख्या में लोग गांधी जी के विचारों को मानते हैं। इनमें अश्वेत अधिकारों के लिए काम करने वाले मार्टिन लूथर जूनियर किंग से लेकर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और कई अन्य नेता शामिल हैं।


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राजधानी वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के सामने गांधी जी की प्रतिमा है। इसका अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन 16 सितंबर, 2000 में किया था। इसके अलावा मार्टिन लूथर किंग मेमोरियल सिटी पार्क, कैलिफोर्निया स्थित फ्रेस्नो स्टेट यूनिवर्सिटी में गांधी जी की प्रतिमाएं लगी हैं। गांधी की सात फुट लंबी कांसे की प्रतिमा डेवी फ्लोरिडा में है, जिसका पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने 2012 में अनावरण किया था। 2017 में इलिनॉयस में गांधी  जी की एक आदमकद प्रतिमा लायंस इंटरनेशनल के मुख्यालय में लगाई गई थी। वहीं दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत के दिन महात्मा गांधी के लिखे हुए 80 साल पुराने एक पत्र को पहली बार इस्राइल के राष्ट्रीय पुस्तकालय ने प्रदर्शित किया। इस पत्र में महात्मा गांधी ने पीड़ित यहूदियों के लिए शांति के युग की कामना की है। गांधी जी ने बॉम्बे जियॉनिस्ट एसोसिएशन (बीजेडए) के प्रमुख एई शोहेत को पत्र लिखा था।

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