सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए मोदी सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है। इस कड़ी में एक बार फिर बैंकों के विलय का भी फैसला लिया गया है। इस विलय प्रक्रिया के तहत 10 बड़े बैंकों को मिलाकर 4 बैंक बनाए जाएंगे। यानी 6 बैंकों का दूसरे बैंकों में विलय जाएगा। इस विलय का असर बैंक के ग्राहकों पर भी पड़ेगा।



दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते शुक्रवार को ऐलान किया कि सरकार ने 10 बैंकों का विलय कर 4 बैंक बनाने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय होगा। सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय किया जाएगा। इसी तरह यूनियन बैंक में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय किया जाएगा, जबकि इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का मर्जर किया जाएगा।



इस विलय प्रक्रिया के बाद 10 में से 6 सरकारी बैंक खत्म हो जाएंगे और उनके ग्राहक दूसरे बैंकों में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। हम आपको बताते हैं कि अगले 6 महीने में विलय के कौन-कौन से बैंक के नाम खत्म हो जाएंगे। पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय होगा, जिसके बाद यूनाइटेड बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स बैंक नाम खत्म हो जाएगा। इन दोनों बैंकों के ग्राहकों का खाता पंजाब नेशनल बैंक में ट्रांसफर हो जाएगा।



इसी तरह सिंडिकेट बैंक के ग्राहकों का खाता केनरा बैंक में शिफ्ट हो जाएगा, जबकि आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के ग्राहकों का खाता यूनियन बैंक में ट्रांसफर हो जाएगा। इसके अलावा इलाहाबाद बैंक के अकाउंट होल्डर्स इंडियन बैंक में ट्रांसफर हो जाएंगे।



वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण के मुताबिक विलय के बाद पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, यूनियन बैंक और इंडियन बैंक रह जाएंगे। अब हम आपको बताते हैं कि इस विलय का असर इन बैंकों के खाता धारकों पर क्या पड़ेगा।



जानकारों का मानना है कि कमजोर बैंकों का अगर मजबूत बैंकों में विलय होता है तो ग्राहकों के लिए फायदे का सौदा होता है। मजबूत बैंक खाताधारकों के लिए लंबी अवधि में जमा पर ज्यादा आकर्षक ब्याज दे सकते हैं और कर्ज की दरें भी कम कर सकते हैं।



विलय प्रक्रिया में कम से कम 4 से 6 महीने का वक्त लग सकता है। संबंधित बैंकों की शाखाओं को नया नाम मिलेगा और उनके IFSC कोड भी बदल जाएंगे। बैंकों के विलय से किसी भी ग्राहक को आर्थिक नुकसान नहीं होगा। लेकिन खाताधारकों को अपना अकाउंट अपडेट कराने के लिए बैंकों के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।



दरसअल पीएनबी में विलय के बाद यूनाइटेड बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के खाताधारकों को नए चेकबुक और पासबुक जारी किए जाएंगे। इसी प्रक्रिया से सिंडिकेट बैंक, आंध्रा बैंक, कॉरपोरेशन बैंक और इलाहाबाद बैंक के गाहकों को भी गुजरना पड़ेगा।



ऐसे मौकों पर बैंक की ओर से ग्राहकों की समस्या दूर करने के लिए अलग से हेल्प डेस्क बनाए जाते हैं. क्योंकि विलय के बाद ग्राहकों के चेकबुक, पासबुक के अलावा नए ATM कार्ड भी जारी किए जाएंगे, जिससे ग्राहकों का थोड़ा पेपरवर्क बढ़ जाता है। वहीं विलय के बाद ग्राहकों को KYC प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। हालांकि बैंकों के विलय से ग्राहकों के लोन पर कोई असर नहीं होगा और उस पर पहले की तरह ब्याज लगेगा।

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