भारतीय राजनीति में कब क्या हो जाएगा इसका अंदाजा लगा पाना बड़ा मुसकिल होता है क्योंकि कौन सी पार्टी के दफ्तर में क्या पक रहा इसका किसी को पता नही चल पाता और जब पता चलता है तो जैसे पूरे देश में बम हो फूटता है। ऐसा ही कुछ सियासत के सबसे बड़े गड़ उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के साथ हो रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि कॉंग्रेस पार्टी की खेवनहार के तौर पर उतारी गईं प्रियंका गांधी को पार्टी जल्द ही पूरे प्रदेश का दायित्व देने की तैयारी में है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रियंका फिलहाल पूर्वी यूपी की प्रभारी महासचिव हैं। जबकि पश्चिम उप्र का प्रभार ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास है। प्रियंका राज्य में संगठन को लेकर भी व्यापक बदलाव कर सकती हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रियंका को पार्टी का महासचिव नियुक्त किया गया था। लोकसभा चुनाव में पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी।


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जानकरी के अनुसार बताया जा रहा है कि पार्टी ने फैसला किया है कि उप्र में नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। राज्य में मौजूदा पार्टी अध्यक्ष राज बब्बर हैं। कांग्रेस की प्रदेश टीम पहले के जैसे बड़ी नहीं होगी। इस बार कमेटी पहले की तुलना में 10 गुना छोटी होगी। कमेटी के सदस्यों की औसत उम्र 40 साल होगी। नई टीम में युवा और ऊर्जावान चेहरों को जगह दी जाएगी। चुनाव में शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस ने अपनी जिला इकाई भंग कर दी थी। पार्टी पिछले तीन महीनों से संगठन के लिए काम कर रही है।


सुत्रों के मुताबिक, हर जिले में एक महिला कार्यकर्ता को बतौर उपाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा। दलित और ओबीसी नेताओं को भी पर्याप्त जगह दी जाएगी। हर किसी को कार्य करने के लिए लक्ष्य दिए जाएंगे। पार्टी की नजर 2022 के विधानसभा चुनाव पर है। प्रियंका ने प्रदेश में कांग्रेज को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य भर के नेताओं से मुलाकात की। शुक्रवार को भी उन्होंने प्रदेश के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात की थी। अखिल भारतीय कांग्रेस के सचिव भी इस समय दौरे पर हैं। बताया जा रहा है कि पहले पश्विमी उत्तर प्रदेश में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति राज्य के नए प्रदेश अध्यक्ष करेंगे। बाद में पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी।


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इसके अलावा पार्टी जल्द ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम का ऐलान भी करेगी. पार्टी की इस कयावद को 2022 विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। आपको यह भी बता दें कि मई में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी ने अमेठी और रायबरेली में कई बार कहा था कि हमें आने वाले विधानसभा चुनाव पर ध्यान देने की जरूरत है। उत्तर प्रदेश में उनकी सक्रियता और प्रदेश कांग्रेस कमेटी में होने वाले संभावित बदलाव को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। खैर अब देखना है कि कॉंग्रेस पार्टी प्रियंका पर अपना अंतिम फैसला क्या लेती हैं और इसके बाद कॉंग्रेस का भविष्य किस दिशा में जाता है।

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