नयी दिल्ली। विश्व के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश सऊदी अरब ने भारत में 100 बिलियन डॉलर ( करीब 7 लाख करोड़ रु.) निवेश करने का फैसला किया है। सऊदी अरब ने भारत में बढ़ती आर्थिक संभावनाओं को देखते हुए पेट्रोकेमिकल, इन्फ्रास्ट्रक्चर और माइनिंग समेत कई क्षेत्रों में निवेश की योजना बनाई है। सऊदी अरब के राजदूत डॉ. सऊद बिन मोहम्मद अल सती ने शनिवार को कहा कि हम भारत के साथ लंबी साझेदारी करने के इच्छुक हैं।


मोहम्मद अल सती ने कहा, “सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सामने साझेदारी का प्रस्ताव रखा है। दोनों देशों के बीच ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ रहा है। उन्होंने कहा किभारत में तेल की आपूर्ति, पेट्रोकेमिकल्स और लुब्रिकेंट्स के क्षेत्र में निवेश करना अरामको की वैश्विक रणनीति में शामिल है।


सऊदी अरब विजन 2030 के तहत पेट्रोलियम उत्पादों पर आर्थिक निर्भरता कम करने का प्रयास कर रहा है। भारत सऊदी अरब से अपनी जरूरत का 17 प्रतिशत कच्चा तेल तथा 32 प्रतिशत एलपीजी खरीदता है। राजदूत ने कहा कि 2019 में दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त भागीदारी तथा निवेश के 40 से अधिक अवसरों की पहचान की गयी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच 34 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है और इस बात में कोई शक नहीं कि इसमें वृद्धि ही देखने को मिलेगी। अरामको के आईपीओ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह कंपनी को विस्तृत दुनिया के संपर्क में लाएगा।


भारत के साथ भविष्य के संबंधों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध पहले ही कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पादों तथा एलपीजी की आपूर्ति से आगे बढ़ चुके हैं और पेट्रो रसायन व खोज जैसे क्षेत्रों में संयुक्त भागीदारी तथा निवेश पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'भारत द्वारा सऊदी अरब को रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार में निवेश करने का निमंत्रण दिया जाना दोनों देशों के बीच आपसी भरोसे का सबूत है।'




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