प्लास्टिक की पानी की बोतल जल्द ही पर्यावरण के लिए खतरा नहीं रहेगी। केंद्र सरकार बोतलबंद पानी के लिए बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है। इससे बनी पानी की बोतल तय समय में खुद नष्ट हो जाएगी।


इसके उपयोग से देश में एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक पर रोक लगाई जा सकेगी। अभी यूरोप और कई दूसरे देश इस तरह की बायोडिग्रेबल प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं।


भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के एक अधिकारी ने बताया कि बोतलबंद पानी के लिए बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक इस्तेमाल करने को लेकर प्रयोग अंतिम चरण में है।यह प्लास्टिक 99 फीसदी तक बायोडिग्रेबल है।


उन्होंने कहा, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनिरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सिपेट) इसकी जांच कर रहा है कि यह कितने समय में नष्ट होकर मिट्टी में मिल जाती है। प्लास्टिक मुक्ति के लिए दो किलोमीटर दौड़ें : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्लास्टिक मुक्ति के लिए गांधी जयंती पर दो किलोमीटर दौड़ में हिस्सा लेने का आह्वान किया है।


रविवार को मन की बात कार्यक्रम में उन्होंने देशवासियों से यह अपील की। ब्योरा 2022 तक इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक का लक्ष्य- प्रधानमंत्री ने 2022 तक देश को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। कई मंत्रालयों ने बोतलबंद पानी के प्रयोग पर रोक लगाई है। उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने विकल्प तलाशने को बैठक भी की थी।

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