हैदराबाद। टीएसआरटीसी और सरकार के बीच मध्यस्थता पर तेरास संसदीय दल के नेता केशव राव ने कहा स्पष्ट किया कि किसी भी सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के विलय की बात घोषणापत्र में नहीं की गई है। आरटीसी में किराये की बसे चलाने और निजी स्टेज कैरेज को अनुमति देने की मुख्यमंत्री केसीआर की घोषणा को हड़ताल के मद्देनजर लिया गया निर्णय माना जाना चाहिए।


केशव राव ने कहा कि सरकारी उपक्रमों या निगम के सरकार में विलय करने का मतलब सरकार की नीतियां बदलने से है और कर्मचारी यूनियनों का सरकार की नीति से कोई संबंध नहीं है। वे सरकार को नीति बदलने का निर्देश नहीं दे सकते।


टीएसआरटीसी कर्मचारियों की हड़ताल उग्र होते देख सरकार एक कदम पीछे हटी है। सरकार ने मध्यस्ता के लिए कदम बढाया है। कहा गया कि आरटीसी का सरकार में विलय करने की मांग को छोड़कर अन्य मांगों पर चर्चा की जाएगी। याद दिलाया गया कि तेरास के नेतृत्व में बनी सरकार ने चुनाव में आरटीसी के विलय करने का आश्वासन नहीं दिया था। पार्टी के घोषणापत्र में ऐसा कोई मुद्दा शामिल नहीं था।


आपको बता दें कि आरटीसी हड़ताल के दौरान दो कर्मचारियों ने आत्मदाह किया। अन्य तीन कर्मचारियों ने आत्महत्या का प्रयास किया। एचसीयू बस डिपो के निकट वंटा वार्पू कार्यक्रम के दौरान संदीप नामक आरटीसी कंडक्टर ने आत्महत्या का प्रयास किया। उसने ब्लेड से बायीं हाथ की नसें काटी। अन्य कर्मचारियों ने तुरंत उसे कोंडापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया। डॉक्टर ने उसकी हालत स्थिर बताई।



మరింత సమాచారం తెలుసుకోండి: