जानकारी के लिए बता दें की राम जन्मभूमि पर अंतिम फैसला आज आने वाला है और ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले और उससे पहले दीपोत्सव के चलते अयोध्या छावनी में तब्दील हो चुका है। हालांकि, यहां हमेशा ही हाई सिक्योरिटी रहती है, लेकिन इस बार हालात ज्यादा संवेदनशील हैं। इसी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी, डीजीपी ओपी सिंह सहित कई बड़े अफसर लगातार दौरा कर रहे हैं। सुरक्षा के लिहाज से अयोध्या को तीन जोन में बांटा गया है- रेड जोन, यलो जोन और ब्लू जोन। रेड जोन में विवादित स्थल की सुरक्षा है। यहां सुरक्षाबल आधुनिक हथियारों, वॉच टॉवर, ड्रोन कैमरों और सीसीटीवी से लैस हैं।


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अयोध्या में दाखिल होने के सभी रास्तों, घाटों और सरयू नदी के तट की निगरानी के लिए सैकड़ों सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। अयोध्या में दाखिल होने वाले सभी प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग की गई है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पीएसी की 47 कंपनियां तैनात हैं। जल्द ही पीएसी की 200 कंपनियां और अर्द्धसैनिक बल और तैनात किए जाएंगे। 1989, 1991 और 2003 के शिलादान के दौरान रामभक्तों का ठौर रहा कारसेवकपुरम् शांत है। धारा 144 लागू होने से प्रशासन ने सार्वजनिक स्थल पर टीवी डिबेट पर रोक लगा दी है। मंगलवार को अयोध्या में दीपोत्सव पर अफसरों की बैठक में संत भी पहुंचे।

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