प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को सऊदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुल्लाजीज अल सऊद के साथ रियाद में द्विपक्षीय बैठक करेंगे। दोनों देशों के बीच ऊर्जा, वित्त समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके बाद किंग उनके सम्मान में बैंक्वेट डिनर भी देंगे। मोदी सोमवार रात को सऊदी किंग के निमंत्रण पर रियाद पहुंंचे। वे यहां फ्यूचर इंवेस्टमेंट इनीशिएटिव फोरम (एफआईआई) के तीसरे सत्र में भी हिस्सा लेंगे। एफआईआई को ‘दावोस इन द डेजर्ट' के रूप में भी जाना जाता है। रियाद द्वारा 2017 में इस क्षेत्र में संभावित निवेश को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुआत हुई थी। मोदी ने अरब न्यूज से इंटरव्यू में कहा, “भारत सऊदी अरब से अपनी जरूरत का 18% कच्चा तेल आयात करता है। इस प्रकार, सऊदी भारत के लिए कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। दोनों देश एक करीबी रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें तेल और गैस परियोजनाओं में निवेश शामिल है। हम अपनी ऊर्जा जरूरतों के महत्वपूर्ण और विश्वसनीय स्रोत के रूप में सऊदी अरब की भूमिका को अधिक महत्व देते हैं। हमारा मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए, विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए तेल की कीमतों का स्थिर रहना महत्वपूर्ण हैं।”


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'भारत पेट्रोलियम भंडार में अरामको की भागीदारी पाने को लेकर उत्सुक'
मोदी ने कहा, “सऊदी अरब की अरामको कंपनी भारत के पश्चिमी तट पर एक बड़ी रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परियोजना में भाग ले रही है। हम भारत के पेट्रोलियम भंडार में अरामको की भागीदारी पाने को लेकर उत्सुक हैं। जी-20 देशों में भारत और सऊदी अरब असमानता को कम करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि सऊदी अरब अगले साल जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा और भारत 2022 में स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर इसकी मेजबानी करेगा। मेरा मानना है कि एशियाई ताकत जैसे भारत और सऊदी अरब अपने पड़ोसी से एक समान सुरक्षा चिंता से पीड़ित है। इस संदर्भ में, मुझे खुशी है कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग विशेषकर आतंकवाद रोधी, सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों के क्षेत्र में प्रगतिशील है।” विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, “भारत-सऊदी अरब मजबूत द्विपक्षीय प्रतिस्पर्धी हैं। इस दौरे से कई दशक पुराने संबंध और भी मजबूत होंगे।” विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री मंगलवार को रियाद में सऊदी के कुछ मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे। स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप काउंसिल के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर होंगे। इस साल दिसंबर में दोनों देशों के नौसेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास भी होने की उम्मीद है।

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