मां तो मां है...बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए वो अपनी सारी संवेदना, दर्द को किनारे कर देती है. छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में ऐसा ही एक वाक्या घटा, जब मां ने अपने बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अपनी सारी तकलीफों को दरकिनार कर दिया. लोक कलाकार बेटे को लोक गीत 'चोला माटी के राम..' पसंद था, उसकी इच्छा थी कि उसकी अंतिम यात्रा में ये गीत गाया जाए. बीते शनिवार को बेटे का असमय निधन हो गया. बेटे की इच्छा पूरी करने के लिए मां ने उसकी अर्थी के सामने बैठकर लोक गीत गाया.



राजनांदगांव के रंगकर्मी और संगीतकार सूरज तिवारी का बीते शनिवार को निधन हो गया. सूरज की इच्छा थी कि उनकी अंतिम यात्रा गीत और संगीत के साथ निकाली जाए. घर से शव यात्रा निकलने से पहले लोक कलाकार मां पूनम तिवारी ने बेटे की अर्थी के सामने जीवन की सच्चाई पर आधारित लोकगीत 'चोला माटी के हे राम, एखर का भरोसा' गाकर उन्हें अंतिम विदाई दी.



दाउ मंदराजी अलंकरण से सम्मानित कलाकार मां पूनम तिवारी मंचों पर 'चोला माटी के राम..' यह गीत कई बार गा चुकी हैं, लेकिन उन्होंने जब बेटे की अर्थी के सामने ये गीत गाया तो वहां मौजूद लोग अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाए और सभी रोने लगे. कला जगत से जुड़े सूरज के साथियों ने तबला, हारमोनियम में संगत भी दी. कलाकार पूनम तिवारी इसे अपने बेटे के लिए सही श्रद्धांजलि मानती हैं. पूनम तिवारी ने मीडिया को बताया कि उनके बेटे की यही इच्छा थी, इसलिए उसे पूरा किया. बता दें कि रंगछत्तीसा के संचालक, रंगकर्मी व संगीतकार सूरज हदय रोग से पीड़ित थे. बीते 26 अक्टूबर को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 2 नवंबर की सुबह उनका निधन हो गया.



सूरज की असमय मौके के बाद से सोशल मीडिया पर भी उन्हें काफी लोगों ने श्रद्धांजलि दी. वहीं उनकी मां की तरफ से गाया गया लोकगीत का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.




सोशल मीडिया पर भी दी जा रही श्रद्धांजली

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