आज हम बात कर रहे हैं भारत के वीर सैनिक आनंदन गुनसेकरन की जिन्होंने चाइना के वुहान में खेले जा रहे 7वें मिलेट्री गेम्स में भारत के तरफ से 100,200,और 400 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर आनंदन ने गोल्ड हैट्रिक से देश का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है। मद्रास सेपर्स के इस सूबेदार की कहानी लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। आनंदन 2005 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे, जहाँ 2008 में जम्मू और कश्मीर में LOC के हुए माइन ब्लास्ट में उन्होंने अपना एक पैर खो दिया था। लेकिन उन्होने हिम्मत नही हारी, अपने जाबाज हौसले के दम पर वह पैर गेम्स में शामिल हो गए।


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कई पदक किये हैं अपने नाम
यह पहली बार नही है जब आनंदन ने देश का नाम रोशन किया हो,इससे पहले भी आनंदन एशियन पैरा गेम्स में भी भारत के लिए रजत और कांस्य पदक जीत चुके हैं। जकार्ता में हुए 2018 एशियन पैरा गेम्स में आनंदन ने 400 और 200 मीटर के T44/T62/64 कैटेगिरी में यह पदक जीते थे। इसके अलावा 2017 वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स में भी 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। IPC एथलेटिक्स एशिया आशियाना चैम्पियनशिप के 200 मीटर इवेंट में भी आनंदन ने रजत पदक हासिल किया था।


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कई देशों के सैनिक लेते हैं हिस्सा
चाइना में होने वाली यह अब तक की सबसे बड़ी सैन्य प्रतियोगिता है। यह पहला मौका है जब चाइना मिलेट्री वर्ल्ड गेम्स की मेजबानी कर रहा है। इसमें 140 देशों के करीब 10 हजार एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही 27 खेलों में पदक की होड़ लगी है। आनंदन ने 2012 में लकड़ी के पैर के साथ 100 और 400 मीटर की दौड़ में अपने करियर की शुरुआत की थी। जिसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नही देखा। 2016 के शानदार प्रदर्शन ने उन्हें यहां तक पहुँचा दिया है। अब आनंदन का अगला लक्ष्य 2020 में होने वाली पैरालम्पिक्स में भारत का नाम रौशन करना है।

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