नयी दिल्ली। नोटबंदी के कुछ महीने बाद 2000 का नया नोट जारी किया गया था लेकिन अब सरकार को 2000 रुपये के नोट का प्रचलन पूरी तरह से बंद करने का सुझाव मिला है। जी हां, हाल ही में पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कुछ सुझाव दिए हैं और अगर उनके सुझावों पर सरकार पूरी तरह से अमल करती है, तो जल्द 2000 के नोट भी बंद हो जाएंगे। जी दरअसल गर्ग ने बीते गुरुवार को 72 पेजों में 2000 के नोट को बंद करने के अलावा कई और भी सुझाव दिए हैं और आपको पहले तो यह बता दें कि गर्ग पहले वित्त मंत्रालय में सचिव थे, जिसके बाद उनका तबादला उर्जा मंत्रालय में कर दिया गया था।
 

अपना तबादला होने के बाद उन्होंने 31 अक्टूबर को वीआरएस के जरिए रिटायरमेंट ले लिया है और सामने आई इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गर्ग ने सरकार को सभी सरकारी बैंकों का राष्ट्रीयकरण खत्म करने के साथ ही निजीकरण को बढ़ावा देने और आरबीआई के बजाए अपने खर्चों को खुद ही मैनेज करने का सुझाव भी दिया है। इसी के साथ उन्होंने बजट बाद उधारी लेने को बंद करने के लिए भी कहा है। वहीं उन्होंने कहा कि, 'लोग 2000 के नोटों की जमाखोरी करने में लगे हैं। इससे बड़ी संख्या में यह नोट प्रचलन में नहीं है। इससे लोग इसका इस्तेमाल ट्रांजेक्शन में बहुत कम रहे हैं। अगर यह नोट बंद किया जाता है तो किसी को कोई नुकसान नहीं होगा।'
 

प्रति हजार बड़े नोटों की छपाई पर अधिक खर्च होता है। तो आइए जानते हैं नोट की छपाई का खर्च।
 
 
नोट               छपाई खर्च (रुपये में)
10 रुपये             700
20 रुपये              850
50 रुपये             830
100 रुपये             1,500
200 रुपये            2,240
500 रुपये            2,390
2,000 रुपये          4,180


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