महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सियासी माथापच्ची जारी है। इस बीच, एनसीपी नेता अजीत पवार ने अन्य नेताओं के साथ सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से राजभवन में मुलाकात की। दरअसल, सरकार बनाने को लेकर दावा पेश करने के लिए और समय देने से शिवसेना को इनकार करने के बाद राज्यपाल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को मिलने के लिए राजभवन बुलाया था। एनसीपी नेता अजीत पवार ने सोमवार को यह जानकारी दी।



पवार ने कहा, "रात 8:30 बजे राज्यपाल कोश्यारी ने हमें फोन किया और मिलने के लिए बुलाया। छगन भुजबल, जयंत पाटिल और अन्य नेताओं के साथ मैं उनसे मिलने जा रहा हूं।" मुलाकात के पीछ क्या उद्देश्य है, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "इस बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है कि उन्होंने हमें क्यों बुलाया। राज्यपाल एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और इसीलिए हम उनसे मिलने जा रहे हैं।"



शिवसेना द्वारा गैर भाजपा सरकार बनाने के प्रयास को अंतिम समय में झटका लगने के बीच यह प्रगति हुई है। कांग्रेस ने अंतिम समय में घोषणा की कि वह उद्धव ठाकरे नीत पार्टी को समर्थन देने पर राकांपा के साथ और वार्ता करेगी।


बाद में संवाददाताओं से राकांपा के प्रमुख प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा ''समझा जाता है कि राज्यपाल ने उनकी पार्टी को इसलिए आमंत्रित किया है क्योंकि 54 सीटों के साथ वह तीसरी सबसे बड़ी पार्टी हैं।" मलिक ने कहा, ''राज्यपाल हमें जो पत्र देंगे उसके आधार पर हम कांग्रेस से वार्ता करेंगे... हम कल अंतिम निर्णय करेंगे।"



महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना के पास 56 सीटें हैं जबकि राकांपा और कांग्रेस के पास क्रमश: 54 और 44 सीटें हैं। राज्य में सरकार बनाने को इच्छुक किसी भी दल या गठबंधन को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।



राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शिवसेना को सरकार गठन के लिए दावा पेश करने की खातिर सोमवार (11 नवंबर) शाम साढ़े सात बजे तक का समय दिया था, जो कि अब खत्म हो गया है। कोश्यारी ने रविवार को शिवसेना को सरकार गठन करने का दावा पेश करने के लिए अपनी इच्छा और सामर्थ्य का संकेत देने के लिए बुलाया था। उससे पहले 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा ने राज्य में सरकार गठन के लिए दावा पेश नहीं करने का फैसला किया था।


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