दिल्ली की एक अदालत ने शशि थरूर के खिलाफ उनके 'शिवलिंग पर बैठा बिच्छू' वाले बयान को लेकर दर्ज मानहानि केस में जारी जमानती वारंट पर स्टे लगा दी है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को  लेकर 'शिवलिंग पर बिच्छू' संबंधी थरूर के कथित बयान को लेकर दर्ज एक आपराधिक मानहानि की शिकायत के सिलसिले में पेश नहीं होने पर दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को यह जमानती वारंट जारी किया था। 



मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नवीन कुमार कश्यप ने 27 नवम्बर के लिए कांग्रेस नेता के खिलाफ वारंट जारी किया। अदालत ने यह वारंट थरूर और उनके वकील के अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं होने पर जारी किया था।


मजिस्ट्रेट ने शिकायतकर्ता भाजपा की दिल्ली इकाई के नेता राजीव बब्बर पर भी अदालत के समक्ष पेश नहीं होने के लिए 500 रुपये का जुर्माना लगाया। हालांकि, एक जूनियर वकील ने बब्बर का प्रतिनिधित्व किया।



अदालत ने कहा, '' न तो शिकायतकर्ता और न ही उनका मुख्य वकील मौजूद है। शिकायतकर्ता की ओर से छूट दिये जाने का आवेदन दिया गया है, जो अस्पष्ट है। आवेदन में कहा गया है कि वह व्यक्तिगत कठिनाई में है लेकिन क्या 'कठिनाई है, इस बारे में आवेदन में नहीं बताया गया है। 



अदालत ने कहा, ''शिकायतकर्ता के अनुपस्थित रहने की वजह से मौजूदा शिकायत को खारिज करने की जगह नरम रुख अपनाया जा रहा है। उनपर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है जिसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए), केंद्रीय जिला, तीस हजारी अदालत में जमा कराया जाए। अदालत ने थरूर और उनके वकील के भी पेश नहीं होने का जिक्र किया। उसने कहा कि वह ''नरम रुख अपना रही है और आरोपी के खिलाफ जमानती वारंट और उनके जमानतदार को 27 नवम्बर को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया जाता है। लेकिन अब कोर्ट ने इस वारंट पर रोक लगा दी है।


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