महाराष्ट्र के पीएमसी बैंक घोटाले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शनिवार को बैंक के पूर्व डायरेक्टर रजनीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। वह भाजपा के पूर्व विधायक तारा सिंह का बेटा है। इस मामले में पुलिस अब तक बैंक और रियल एस्टेट कंपनी के आला अधिकारियों समेत 8 लोगों को पकड़ चुकी है। इस घोटाले से बैंक को 4,355 करोड़ का नुकसान हुआ है।



ईओडब्ल्यू ने बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह, पूर्व एमडी जॉय थॉमस और रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल के प्रमोटरों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जांच के बाद बैंक के पूर्व निदेशक एस सुरजीत सिंह अरोड़ा, एचडीआईएल समूह के प्रमोटर- राकेश और सारंग वाधवन, बैंक के पूर्व चेयरमैन और पूर्व एमडी को गिरफ्तार किया गया था। बाद में ऑडिटर जयेश संघानी, केतन लकडावाला को भी पकड़ा गया। इन दोनों पर बैंक अफसरों से मिलीभगत, अनियमितताएं छिपाने में अहम भूमिका होने का आरोप है।



बैंक ने एचडीआईएल को कर्ज देने में गड़बड़ी की
ईओडब्ल्यू ने दावा किया है कि पीएमसी बैंक ने एचडीआईएल के 44 लोन अकाउंट को रिप्लेस किया, जिनका देनदारी काफी ज्यादा थी। आरोप है कि एचडीआईएल को कर्ज देने में गड़बड़ी से बैंक को 4,355 करोड़ का नुकसान हुआ। जांच एजेंसियों का कहना है कि थॉमस और बैंक के बोर्ड को इस गड़बड़ी की पूरी जानकारी थी। ईडी ने एचडीआईएल के प्रमोटरों का प्राइवेट जेट और कारें भी जब्त कर ली थीं।



73% कर्ज एक ही कंपनी को दे दिया, जो एनपीए बन गया
पीएमसी 11,600 करोड़ से ज्यादा जमा राशि के साथ शीर्ष 10 सहकारी बैंकों में से एक है। बैंक ने एचडीआईएल को 6,500 करोड़ का कर्ज दे दिया, जाे बैंक के कुल कर्ज का 73% है। एचडीआईएल के कर्ज नहीं चुकाने से संकट हो गया। आरबीआई ने सितंबर में बैंक पर 6 महीने का प्रतिबंध लगाया।



आरबीआई ने पहले निकासी की सीमा 1000 रुपए तय की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 50 हजार और बाद में बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया था। खाताधारकों में आरबीआई के कर्मचारी भी हैं। इनके 200 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा हैं।

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