कई दलित और आदिवासी संगठनों ने पतंजलि के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की है। दरअसल, कंपनी के संस्थापक बाबा रामदेव पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने दलितों, आदिवासी समूहों, मुसलमानों और दिवंगत द्रविड़ नेता पेरियार के समर्थकों पर ‘बौद्धिक आतंकवाद’ फैलाने का आरोप लगाया है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, शनिवार से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें इन समूहों के खिलाफ कथित तौर पर विवादास्पद टिप्पणियां की गई हैं। द टेलिग्राफ में छपी खबर के मुताबिक, ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा, ऑल इंडिया बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एंप्लॉइज फेडरेशन और भीम आर्मी ने रामदेव के कथित बयान की आलोचना की है और उन्हें ‘मनु स्मृति’ को बढ़ावा देने वाला शख्स करार दिया है।


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दलितों और आदिवासी समूहों के हितों की वकालत करने वाले अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष अशोक भारती ने कहा, ‘रामदेव के कहे शब्दों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। उनके बयान से पोल खुल चुकी है कि वह मनुवादी विचारधारा में विश्वास रखते हैं। हमने पतंजलि के उत्पादों के बहिष्कार का ऐलान किया है।’ बता दें कि अंबेडकर महासभा ने मंगलवार को विरोध स्वरूप पतंजलि के उत्पादों को जलाने का फैसला किया है। अखबार के मुताबिक, रामदेव के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने इस मामले को लेकर किए कॉल्स और मैसेजों का कोई जवाब नहीं दिया। भीम आर्मी ने भी रामदेव से माफी की मांग की है। इसके अलावा, एंप्लॉइज फेडरेशन के अध्यक्ष वमन मेशराम ने भी रामदेव का बहिष्कार करने की अपील की है। भीम आर्मी के प्रवक्ता कुश अंबेडकरवादी ने कहा, ‘बाबा ने खुलेआम दलितों और करोड़ों पेरियार अनुयायियों का अपमान किया है।’ उन्होंने कहा कि वे रामदेव की कंपनी के उत्पादों का बहिष्कार करेंगे और प्रदर्शन भी करेंगे। बता दें कि हाल ही में एक जनसभा में रामदेव ने कथित तौर पर कहा कि देश पर हमेशा से सूर्यवंशियों और चंद्रवंशियों का शासन था, लेकिन दलितों, आदिवासियों, मुस्लिमों और पेरियार के समर्थकों ने ‘बौद्धिक आतंकवाद’ फैलाया।


वीडियो में रामदेव ने कथित तौर पर कहा, ‘राम से लेकर कृष्ण तक के वक्त में हम पर हमेशा शासन किया गया। लेकिन फिर दलित आए। मूल निवासियों को लेकर एक आंदोलन हुआ। वे कहते हैं कि वे मूल निवासी हैं जबकि बाकी बाहर से आए हैं। ये आदिवासी और मुस्लिम संगठन हैं।’ रामदेव ने आगे कथित तौर पर कहा, ‘पेरियार जो एक नास्तिक थे, उन्होंने ईश्वर के अनुयायियों को मूर्ख करार दिया और धर्म को जहर बताया। उनका संदेश फैल रहा है। वे हमारे संतों के चरित्र हनन कर रहे हैं। यह बौद्धिक आतंकवाद है। यह देश को बांट देगा।’

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