संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि अवैध लोगों की पहचान के लिए पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू होगा और इसमें सभी धर्मों और संप्रदायों के लोगों को शामिल किया जाएगा। अभी तक देशवासियों के दिलोदिमाग में एनआरसी का नाम सुनते ही असम आता था। लेकिन तब क्या होगा जब यह असम की तरह देश के अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा? तब हर भारतीय नागरिक के जहन में एक ही सवाल होगा - मुझे अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कौन कौन से दस्तावेज दिखाने होंगे। 

 

 

असम में NRC में उन लोगों के नाम शामिल किए गए, जो 25 मार्च 1971 के पहले से असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं। अब सवाल है कि क्या देश के अन्य राज्यों में भी असम वाला फॉर्मूला ही लागू होगा? या फिर अलग अलग राज्यों के नागरिकों के लिए नागरिकता साबित करने का अलग-अलग फॉर्मूला अपनाया जाएगा? 

 

 

क्या व्यक्ति को उस राज्य का माना जाएगा जहां का मूल रूप से उसका परिवार रहने वाला है? जिनते माता-पिता दो अलग अलग राज्यों से हैं उनके लिए क्या विकल्प दिया जाएगा? इस तरह के कई प्रश्न असमंजस पैदा करेंगे। 

 

 

मान लीजिए अगर असम का फॉर्मूला ही देश भर में लागू होता है तो आपन निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी- 

 

 

असम में रहने वाले लोगों को सूची A में दिए गए कागजातों में से कोई एक जमा करना था। इसके अलावा दूसरी सूची B में दिए गए दस्तावेजों में से भी किसी एक को दिखाना था जो कि जिससे आप अपने असम के पूर्वजों से सम्बन्ध साबित कर सकें। इनसे पता चलेगा कि आपके पूर्वज असम के ही थे। 

 

 

लिस्ट 'A’ में मांगे गए मुख्य दस्तावजों की लिस्ट
1. 1951 का एनआरसी
2. 24 मार्च, 1971 तक का मतदाता सूची में नाम 
3. जमीन का मालिकाना हक या किरायेदार होने का रिकॉर्ड
4. नागरिकता प्रमाणपत्र
5. स्थायी निवासी प्रमाण पत्र
6. शरणार्थी पंजीकरण प्रमाण पत्र
7. किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी लाइसेंस/सर्टिफिकेट
8. सरकार या सरकारी उपक्रम के तहत सेवा या नियुक्ति को प्रमाणिक करने वाला दस्तावेज
7. बैंक या पोस्ट ऑफिस अकाउंट
8. जन्म प्रमाणपत्र
9. राज्य के एजुकेशन बोर्ड या यूनिवर्सिटी के प्रमाण पत्र 
10. अदालत के आदेश रिकॉर्ड
11. पासपोर्ट
12. कोई भी एलआईसी पॉलिसी 

 

 

ऊपर दिए गए दस्तवेजों में से कोई भी 24 मार्च 1971 के बाद का नहीं होना चाहिए। अगर असम के किसी नागरिक के पास इस डेट से पहले का दस्तावेज नहीं है तो 24 मार्च 1971 से पहले का अपने पिता या दादा का डॉक्यूमेंट दिखा सकता है। 

 

 

लेकिन ऐसे लोगों को नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट्स में से कोई भी एक डॉक्यूमेंट दिखाकर अपने पिता/दादा से अपना संबंध साबित करना होगा। नीचे दिए गए (लिस्ट बी) डॉक्यूमेंट में उनका नाम होना चाहिए। 

 

 

लिस्ट 'B’ में मांगे गए मुख्य दस्तावजों की लिस्ट- 
1. जन्म प्रमाणपत्र
2. भूमि दस्तावेज
3.बोर्ड या विश्वविद्यालय प्रमाण पत्र
4. बैंक / एलआईसी / पोस्ट ऑफिस रिकॉर्ड
5. राशन कार्ड
6. मतदाता सूची में नाम 
7. कानूनी रूप से स्वीकार्य अन्य दस्तावेज
8. विवाहित महिलाओं के केस में सर्कल अधिकारी या ग्राम पंचायत सचिव द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र

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