पांच साल तक चलने का दावा करने वाली महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार 5 दिन तक तक भी नहीं चल सकी. देवेंद्र फडणवीस ने चौथे दिन ही लगभग 80 घंटे तक सीएम रहने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस दौरान महाराष्ट्र की सियासत का रोलर कॉस्टर राइड देखने को मिला. सबसे पहले तो इस सरकार का गठन ही हैरानी भरे माहौल में हुआ. इसके बाद जो घटनाक्रम हुआ अभूतपूर्व रहा, लेकिन 80 घंटे गुजरते-गुजरते ये तय हो गया था कि इस सरकार को बहुमत हासिल नहीं है. लिहाजा एक गहमा-गहमी भरे प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया.

 

 

आइए जानते हैं इस पूरे 80 घंटे की कहानी...

1. सुबह-सुबह शपथ ग्रहण (23 नवंबर, शनिवार)

देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह लगभग 8 बजे सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. बीजेपी ने कहा कि उसे अजित पावर ने 54 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा है.

 

इससे पहले शुक्रवार शाम को ही फडणवीस राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास सरकार बनाने का दावा पेश करने पहुंचे थे. फडणवीस ने अपने पास 173 विधायकों के समर्थन होने का दावा किया था. राज्यपाल ने उन्हें 30 नवंबर तक बहुमत साबित करने को कहा.

 

 

2. फडणवीस की सफाई

सीएम पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र को स्थिर सरकार की जरूरत थी और समर्थन देने के लिए वह अजित पवार का अभिनंदन करते हैं.

 

 

3. पवार तुस्सी ग्रेट हो- सिंघवी


इस सरकार के बनते ही कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी  प्रतिक्रिया देने वाले नेताओं में पहले नंबर पर थे. उन्होंने उस वक्त एनसीपी पर तंज कसते हुए कहा था कि 'पवार जी तुस्सी ग्रेट हो.'

 

 

4. शरद पवार का ट्वीट

महाराष्ट्र में इस सरकार के बनते ही एनसीपी हैरान थी. एनसीपी ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका निजी फैसला है और इसका एनसीपी से लेना देना नहीं है. पवार ने कहा कि वे इस फैसले का किसी तरह से समर्थन नहीं करते हैं.

 

 

5. सुप्रीम कोर्ट में याचिका

शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी ने महाराष्ट्र की इस नई-नवेली सरकार को गैरकानूनी करार देते हुए शनिवार को ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. तीनों दलों ने सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल के फैसले को रद्द करने की मांग की.

 

 

6. NCP विधायक दल के नेता से अजित पवार बर्खास्त

डिप्टी सीएम बनने के बाद ही शरद पवार ने अजित पवार पर एक्शन लिया. उन्होंने अजित पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक दल के नेता पद से बर्खास्त कर दिया. साथ ही पार्टी ने उनसे व्हिप जारी करने के अधिकार को भी वापस ले लिया है. जयंत पाटिल को एनसीपी का नया विधायक दल का नेता घोषित किया गया.

 

 

7. NCP का दावा, गायब हैं विधायक (24 नवंबर, रविवार)

रविवार को एनसीपी ने दावा कि उसके कुछ विधायक गायब हैं. इसके बाद एनसीपी खेमें में इन विधायकों की खोज शुरू हुई. इसी दौरान बीजेपी एमपी संजय काकड़े, एनसीपी नेता जयंत पाटील, छगन भुजबल और बबन शिंदे शरद पवार से उनके घर में मिले.

 

 

8. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

रविवार को छुट्टी होने के बावजूद इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने कहा कि मामले की सुनवाई सोमवार को होगी.

 

 

9. 165 विधायकों का साथ

शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी को 165 विधायकों का समर्थन हासिल है और वे सदन में बहुमत साबित कर सकते हैं.

 

 

10. धनंजय मुंडे का यू टर्न

धनंजय मुंडे ही वो शख्स थे जिन्होंने शपथ ग्रहण के पहले विधायकों को एकजुट किया और अपने घर पर बुलवाया. यहीं से सभी विधायक राज्यपाल के घर पहुंचे थे. लेकिन 24 नवंबर आते आते धनंजय मुंडे ने अपना मन बदला और वे एक बार फिर से शरद पवार के खेमे में चले आए.

 

 

11. अजित पवार का ट्वीट

डिप्टी सीएम बनने के बाद रविवार को अजित पवार खुलकर अपने एक्शन के सपोर्ट में आ गए. उन्होंने बीजेपी नेताओं को ट्वीट कर शुक्रिया कहा. इसके बाद उन्होंने कहा कि बीजेपी एनसीपी की सरकार राज्य में पांच साल तक चलेगी और स्थिर सरकार देगी.

 

 

12. शरद पवार का जवाब

अजित पवार के इस ट्वीट के कुछ ही मिनट बाद में शरद पवार ने भी ट्वीट किया और कहा कि अजित पवार लोगों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी से एनसीपी का कोई गठबंधन नहीं है.

 

 

13. ऑपरेशन लोट्स की चर्चा

रविवार शाम को दिल्ली से लेकर मुंबई तक ऑपरेशन लोटस की चर्चा हो रही थी. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले बहुमत के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए चार नेताओं की एक टीम भी बना दी है, जिसे शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों से संपर्क करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस टीम में बीजेपी नेता नारायण राणे, राधाकृष्ण विखे पाटिल, गणेश नाइक और बबनराव पचपुते का नाम आया था.

 

 

14. दिल्ली से लौटे 2 NCP विधायक (25 नवंबर, सोमवार)

सोमवार सुबह को खबर आई कि एनसीपी का साथ छोड़कर गए पार्टी के 4 में से 2 विधायक अनिल पाटिल और दलित दरौड़ा वापस लौट आए हैं. एनसीपी नेताओं ने दावा किया राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरज शर्मा और राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया दूहन की टीम विधायकों को गुरुग्राम के एक होटल से निकालकर मुंबई ले आई.

 

 

15. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सोमवार को सुबह 10.30 बजे एक बार फिर से इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह हॉर्स ट्रेडिंग का मामला नहीं है, बल्कि पूरा अस्तबल ही खाली हो गया है. इस पर विपक्षी दलों का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पलटवार किया और कहा, 'अस्तबल तो अभी भी है, केवल जॉकी यानी की मुख्य घुड़सवार भाग गया है. मामले की सुनवाई के लिए अगला दिन मंगलवार को तय किया गया.

 

 

16. अजित पवार को मनाने की कोशिश नाकाम

इस बीच अजीत पवार को एनसीपी की ओर से मनाने की कोशिशें लगातार जारी रहीं. महाराष्ट्र विधायक दल के नेता जयंत पाटील, दिलीप वलसे पाटिल और छगन भुजबल ने अजित पवार से मुलाकात की. इन नेताओं की अजीत पवार के साथ करीब चार घंटे बैठक चली. लेकिन वे अजीत को मनाने में सफल नहीं रहे.

 

 

17. देवेंद्र , अजित ने कार्यभार संभाला

25 नवंबर को महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेन्‍द्र फडणवीस और उप मुख्‍यमंत्री अजित पवार ने कार्यभार संभाल लिया. इन्हें शनिवार को शपथ दिलाई गई थी. कार्यभार संभालने के बाद फडणवीस ने बताया कि उन्‍होंने मुख्‍य सचिव और वित्‍त सचिव से मुलाकात की है और बेमौसम बरसात से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्‍त सहायता देने के उपायों पर चर्चा की है.

 

 

18. राउत ने ट्वीट कर चौकाया

सोमवार को सरकार के भविष्य पर चर्चा हो ही रही थी कि संजय राउत ने धमाकेदार ट्वीट किया. उन्होंने लगभग 4 बजे शाम को कहा कि शिवसेना, एनसीपी कांग्रेस कुल 162 विधायकों की परेड हयात होटल में मीडिया के सामने कराएगी.

 

 

19. होटल हयात में मजमा

संजय राउत के इस ट्वीट के बाद महाराष्ट्र के सियासी हलकों में हलचल मच गई. सभी की नजरें होटल हयात पर टिक गई. यहां पर शरद पवार, उद्धव ठाकरे, अशोक चव्हाण समेत कई कद्दावर नेता पहुंचे. यहां पर तीनों दलों के विधायक मौजूद थे. दावा किया गया कि 162 विधायक होटल में मौजूद थे. यहां उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब वे बताएंगे कि शिवसेना क्या चीज है. शरद पवार ने भी यहां आक्रामक तेवर दिखाए.

 

 

20. 30 घंटे में बहुमत साबित करने की चुनौती (26 नवंबर, मंगलवार)

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर आखिरी सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस सरकार को 30 घंटे में बहुमत हासिल करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि बहुमत परीक्षण की पूरी प्रक्रिया का लाइव टेलिकास्ट किया जाए.

 

 

21 . अजित पवार का इस्तीफा

अब तक महाराष्ट्र का गेम सबको समझ में आ चुका था. सरकार हाथ से फिसलता देख अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.

 

 


22. प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्तीफे का ऐलान

अजित पवार के इस्तीफा देने के बाद मंगलवार को साढ़े तीन बजे सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पूरे दल-बल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने कभी भी शिवसेना के साथ ढाई-ढाई साल सीएम पद का वादा नहीं किया था. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार के पास बहुमत नहीं है और वे इस्तीफा देने जा रहे हैं.

 

 

23. राज्यपाल को इस्तीफा सौंपा

इस ऐलान के कुछ ही देर बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले और अपना इस्तीफा सौंप दिया.

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