मुंबई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे गुरुवार को महाराष्ट्र के 18 वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करेंगे। वह मनोहर जोशी व नारायण राणे के बाद इस पद पर काबिज होने वाले शिवसेना के तीसरे नेता हैं और ठाकरे परिवार के पहले सदस्य। वहीं, बुधवार की सुबह से लेकर रात तक महाराष्ट्र में सियासी हलचल चलती रहीं। शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच सरकार बनाने को लेकर अहम बैठक हुई। इसके बाद हुई प्रेस वार्ता में वरिष्ठ एनसीपी नेता प्रफुल्‍ल पटेल ने बताया कि तीनों दलों ने साझा रूप से निर्णय लिया है कि नयी सरकार में एक ही उपमुख्यमंत्री होगा, जो एनसीपी का होगा।
 
इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस को दिया जायेगा। सूत्रों के मुताबिक यह भी तय हुआ कि मुख्यमंत्री पद पूरे पांच साल के लिए शिवसेना के पास रहेगा। इस बीच अजित पवार को एनसीपी विधायक दल का फिर से नेता बनाये जाने की चर्चा है, साथ ही कैबिनेट में उन्हें अहम जिम्मेदारी भी मिल सकती है। हालांकि, अजित ने स्पष्ट किया कि इस संबंध में कोई भी निर्णय उद्धव ठाकरे ही लेंगे। सरकार गठन की कवायद के बीच 14 वीं विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार को शुरू हुआ, जिसमें नव निर्वाचित 285 सदस्यों को शपथ दिलायी गयी।
 
भाजपा के साथ सरकार बनाना विद्रोह नहीं : अजित 
 
एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि उन्होंने जो किया, उसे विद्रोह नहीं कहा जा सकता। अजित अपनी पार्टी और परिवार को झटका देते हुए शनिवार को भाजपा से हाथ मिला कर देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गये थे। उन्होंने एक बार फिर कहा कि वह एनसीपी के साथ हैं और रहेंगे। विद्रोह के सवाल पर कहा कि क्या एनसीपी ने मुझे हटाया? इसलिए अफवाहों की बजाय हकीकत पर ध्यान देना चाहिए़।
 
शिवसेना-एनसीपी से 14 कांग्रेस से 13 मंत्री  संभव
 
नयी सरकार में शिवसेना को मुख्यमंत्री के अलावा 14 मंत्री पद मिल सकते हैं। एनसीपी को डिप्टी सीएम के अलावा 14 मंत्री पद दिये जा सकते हैं। वहीं, कांग्रेस  से 13 मंत्री हो सकते हैं। राज्य में अधिकतम 43 मंत्री हो सकते हैं। अजित पवार को वित्त मंत्रालय, शरद पवार के करीबी जयंत पाटील को गृह और धनंजय मुंडे को बिजली मंत्रालय मिल सकता है। आदित्य ठाकरे को मंत्री बनाये जाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है।

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