रेलवे ने किराये में बढ़ोतरी की पूरी तैयारी कर ली है. दरअसल नए साल से रेल सफर महंगा हो सकता है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि रेलवे बोर्ड यात्री और माल ढुलाई भाड़े को मौजूदा हालात के हिसाब से तर्कसंगत बनाने जा रहा है.

 

 

वी के यादव की मानें तो जहां किराया कम है, वहां बढ़ाया जाएगा और जहां किराया ज्यादा है वहां कम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि काफी दिनों से यात्री किराये में बढ़ोतरी नहीं हुई है, जबकि रेलवे का खर्च बढ़ता जा रहा है.

 


उन्होंने कहा कि माल भाड़े को रोड सेक्टर के अनुपात में तय किया जाएगा, जिससे रेलवे के माल ढुलाई किराये में कमी हो सकती है. रेलवे के मुताबिक मौजूदा किराये स्लैब को देखकर लगता है कि इन्हें तर्कसंगत बनाने की जरूरत है.

 


रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वी के यादव का कहना है कि भारतीय रेल ने घटते राजस्व से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि किराये बढ़ोतरी पर अंतिम फैसला से पहले लंबी चर्चा की जरूरत होगी.

 


सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में रेलवे की यात्री किराये से आमदनी वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले 155 करोड़ रुपये और माल ढुलाई से आय 3,901 करोड़ रुपये कम रही.

 


चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में यात्री किराये से रेलवे को 13,398.92 करोड़ रुपये की आय हुई थी. दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में यह गिरकर 13,243.81 करोड़ रुपये रह गई.

 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यात्री किराये में 5 से 40 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी हो सकती है. ट्रेन किराया सभी श्रेणियों और सभी गाड़ियों के लिए बढ़ाया जा सकता है. एसी कोच से लेकर साधारण डिब्बों और सबअर्बन ट्रेनों में भाड़ा बढ़ाया जा सकता है. खबरों के मुताबिक ट्रेन किराया बढ़ाने की हरी झंडी रेलवे को पीएमओ से मिल चुकी है. हालांकि इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है.

 

 

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