एक महत्वपूर्ण निर्णय में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब अक्टूबर 26 को विलय दिवस की छुट्टी का एलान कर दिया गया है. जबकि 13 जुलाई को शहीदी दिवस और 5 दिसंबर को स्वर्गीय शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती पर मिलने वाले अवकाश की 'छुट्टी' कर दी गयी है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने साल 2020 के लिए सरकारी छुट्टियों का नया कैलेंडर जारी किया है जिसमें यह बदलाव किये गए हैं. इस नए कैलेंडर में प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर के साथ भारत के विलय दिवस पर 26 अक्टूबर को राजकीय अवकाश रखा है. लेकिन विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले महाराजा हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी का एलान नहीं किया है.


जारी किये गए इस नए कैलेंडर में घोषित 27 छुट्टियों में 26 अक्टूबर को मिलने वाली विलय दिवस की छुट्टी नई है, जिसे विलय के 72 साल बाद छुट्टियों के कैलेंडर में जगह मिली है. यहां यह समझना भी ज़रूरी है कि जम्मू में भारतीय जनता पार्टी समेत कई राजनैतिक दल विलय दिवस और विलय के दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने वाले महाराजा हरी सिंह की 23 सितम्बर को मनाई जाने वाली जयंती पर छुट्टी की मांग कर रहे थे.

 

वहीं, अब महाराजा हरी सिंह की जयंती पर छुट्टी का एलान न होने पर विपक्ष बीजेपी पर निशाना साध रहा है. प्रदेश कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सालों से जम्मू की जनता से 23 सितम्बर को महाराजा हरी सिंह की जयंती पर अवकाश का वादा करती रही है जिसे पूरा नहीं किया गया. उधर पैंथर्स पार्टी ने भी महाराजा हरी सिंह की जयंती पर छुट्टी घोषित न होने पर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है. पैंथर्स पार्टी ने इसे जम्मू के लोगों की भावनाओ के साथ विश्वासघात बताया है. वहीं, जारी हुए इस नए कैलेंडर में अब तक मिल रहे शहीदी दिवस के अवकाश को ख़त्म कर दिया गया है. शहीदी दिवस 13 जुलाई 1931 में कश्मीर में महाराजा के खिलाफ हुए विद्रोह में मारे गए लोगों की याद में मनाया जाता है.

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