ईरान ने इराक में अमेरिका के दो सैनिक ठिकानों पर एक दर्जन से ज्‍यादा मिसाइलें दागी हैं। पेंटागन ने कहा कि ईरान ने इरबिल और अल असद (Al-Assad and Irbil) इलाके में मौजूद उस एयरबेस को निशाना बनाया जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं। इस हमले के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने कहा कि नुकसान और हताहतों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। वहीं ईरानी मीडिया के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपने ट्वीट में कहा है कि ईरान के ताजा मिसाइल हमलों में 80 लोगों की मौत हुई है। दूसरी ओर इराकी सेना ने कहा है कि हमले में कोई भी हताहत नहीं हुआ है। 

 

ट्रंप ने दूसरे मुल्‍क के नेताओं से की बात 

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ बैठक की है जिसमें विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर मौजूद थे। हालांकि, इस बैठक को लेकर अमेरिका की ओर से अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। व्हाइट हाउस की मानें तो राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हदम अल थानी से इराक और ईरान के मसले पर चर्चा की। यही नहीं ट्रंप ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को भी फोन करके पश्चिम एशिया और लीबिया में सुरक्षा हालातों पर बातचीत की। 


ट्रंप ने जताया दुख, बोले- कल दूंंगा बयान  

अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी बलों के ठिकाने पर हुए ताजा हमले पर दुख जताया है। ह्वाइट हाउस ने अपने बयान में कहा है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति हालात पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। ट्रंप को ईरान के हमले के बारे में जानकारी दी गई है। वहीं अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि सब ठीक है... ईरान ने इराक में दो सैन्‍य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए हैं। हमले में हताहतों की संख्‍या का आकलन किया जा रहा है। हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है। मैं कल सुबह बयान दूंगा। 


ईरान बोला- यह पहला कदम, अमेरिका ने किया पलटवार तो भड़केगा युद्ध 

ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा है कि हम युद्ध या टकराव नहीं चाहते हैं लेकिन किसी भी हमले का बचाव जरूर करेंगे। हम आत्‍मरक्षा के अंतरराष्‍ट्रीय कानूनों पर अमल करेंगे। वहीं ईरानी राष्‍ट्रपति हसन रुहानी के एक सहायक ने कहा कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद हुई किसी भी अमेरिकी जवाबी कार्रवाई से मध्य पूर्व में युद्ध छिड़ सकता है। वहीं ईरानी रिवॉलूशनरी गार्ड कमाडंर ने कहा है कि इराक में अमेरिका के एयरबेस पर ईरानी मिसाइलों का हमला पहला कदम है। 


अमेरिकी बलों को वापस जाने को कहा 

इस बीच इराक में लड़ रहे ईरानी रिवोल्‍यूशनरी गार्ड ने अमेरिकी बलों को क्षेत्र से वापस जाने के लिए कहा है। ईरानी सैन्‍य बल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम अमेरिका के सभी साथियों को चेतावनी देते हैं कि वे एक आतंकी सेना को अपने बेस इस्तेमाल न करने दें। खासकर इराक के संदर्भ में कहा गया है कि यदि क्षेत्र का कोई मुल्क अपनी धरती को ईरान के खिलाफ हमले में इस्तेमाल होने देता है तो उसको भी निशाना बनाया जाएगा।


अमेरिका ने ईरान-इराक के से नागरिक उड़ाने बंद की 

US aircraft restricted from flying over Iraq and Iran अमेरिका और ईरान के बीच उपजे तनाव की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका की फेडरल एविएशन कमीशन ने ईरान, इराक और ओमान की खाड़ी की तरफ जाने वाले यात्री विमानों के लिए नोटाम (नोटिस टू एयरमैन) जारी किए हैं। इसका मतलब यह है कि अमेरिका के यात्री विमान अब इन इलाकों के ऊपर से उड़ान नहीं भरेंगे।  


पेंटागन कर रहा आकलन 

समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के तुरंत बाद अमेरिका के मिलिट्री जेट्स हरकत में आ गए और आसमान में उनकी हलचल देखी गई। पेंटागन ने बुधवार को हुए ताजा ईरानी हमले के बाद कहा कि वह हमले में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने बताया कि ईरान की ओर से दागी गई मिसाइलों ने इराक में अल-असद और एरबिल स्थित कम से कम दो इराकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाया जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं।  

 

अमेरिका की विपक्षी पार्टी ने किया विरोध 

अमेरिका ने कुर्दिस्तान से भी बातचीत की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा कि पोंपियो ने कुर्दिस्तान की क्षेत्रीय सरकार के प्रधानमंत्री मसरूर बारजानी को फोन किया और ईरान के मिसाइल हमले पर बात की। इस बीच अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी ने ईरान के साथ बढ़ते तनाव के लिए ट्रंप को दोषी माना। अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इराक और ईरान में आज जो कुछ भी हो रहा है, उसका अनुमान लगाया जा सकता था। यही नहीं उन्‍होंने जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के फैसले की निंदा की। 

 

ईरानी सेना के प्रमुख ने दी थी धमकी 

पिछले हफ्ते बगदाद हवाईअड्डे पर अमेरिका ने ड्रोन स्‍ट्राइक में ईरानी कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी General Qasem Soleimani को मार गिराया था। इसके बाद ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी थी। ईरान की धमकी के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने बयान जारी कर उसे ऐसा नहीं करने की हिदायत दी थी। साथ ही कहा था कि ईरान के 52 सांस्‍कृतिक धरोहरें उसके निशाने पर हैं। वहीं ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी ने अमेरिका के समर्थन वाले स्थानों को आग के हवाले करने की धमकी दी थी।  

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