ईरान-अमेरिका संकट अब तेल के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी दिखने लगना है। इसका संकेत बुधवार (8 जनवरी, 2019) को देखने को भी मिला जब ईरान ने अमेरिकी बलों के दो सैन्य अड्डों पर मिसाइल से हमला कर दिया। इसके बाद कच्चे तेल के दाम महीने के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। ईरान ने यह कार्रवाई अमेरिका द्वारा उसके सैन्य जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के इरादे से की। भारतीय समयानुसार आज सुबह 7:37 बजे कच्चे तेल की कीमत 2.3 फीसदी यानी 1.56 डॉलर बढ़ गई। इसे कच्चे तेल की कीमत 69.83 डॉलर से बढ़कर 71.75 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई। इसके अलावा भारतीय शेयर बाजार में आज शुरुआती कारोबार के दिन गिरावट देखने के मिली है। सेंसेक्स 374.21 अंक गिरकर 40,495.29 पर पहुंच गया वहीं निफ्टी 123.35 अंकर गिरकर 11,929.60 पर पहुंच गया।

 

उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इराक में अमेरिकी बलों के अड्डों पर ईरान के मिसाइल हमले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा ‘सब ठीक है’ और कहा कि बुधवार यानी आज राष्ट्र को संबोधित करेंगे। पेंटागन ने कहा कि मंगलवार रात ईरान ने इराक स्थित ऐसे कम से कम दो सैन्य अड्डों पर एक दर्जन से अधिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं।

 

ईरान के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक बगदाद में अमेरिकी हवाई हमले में ईरान के सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। सुलेमानी पर हमले का आदेश शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दिया था। मिसाइल हमले के कुछ ही समय बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘‘ सब ठीक है। इराक में दौ सैन्य अड्डों पर ईरान ने मिसाइल दागी। इससे हुए नुकसान और हताहतों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। अब तक सब ठीक है। हमारे पास दुनिया की सबसे शक्तिशाली और सर्वसाधनयुक्त सेना है।’’

 

इससे पहले ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ बैठक की जिसमें विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर मौजूद थे। हालांकि बैठक की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। व्हाइट हाउस के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर अमीर शेख तमीम बिन हदम अल थानी से बात की और अमेरिका के साथ उनके देश की मजबूत साझेदारी के लिए शुक्रिया अदा किया। दोनों नेताओं ने इराक और ईरान में हालात पर चर्चा की। ट्रंप ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को भी फोन किया और दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया और लीबिया में सुरक्षा हालात पर चर्चा की।

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा कि पोम्पियो ने कुर्दिस्तान की क्षेत्रीय सरकार के प्रधानमंत्री मसरूर बारजानी को फोन किया और ईरान के मिसाइल हमले की उन्हें जानकारी दी। इस बीच डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व ने पश्चिम एशिया के साथ बढ़ते तनाव का दोष ट्रंप को दिया। अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ‘‘इराक और ईरान में आज जो कुछ भी हो रहा है, उसका अनुमान लगाया जा सकता था।’’ उन्होंने ईरान के परमाणु समझौते से अलग होने और जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के ट्रंप के फैसलों की आलोचना की।

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