नयी दिल्ली।  हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश की 41 फीसदी संपत्ति सवर्णों के पास है जो कि उनकी आबादी का दोगुना है। ओवैसी ने यह भी कहा कि मुस्लिमों की आबादी 12 फीसदी है लेकिन उनकी संपत्ति मात्र 8 फीसदी है। ओवैसी ने आगे कहा कि आखिर यह पैसा कहां लगाया जाता है। इस पैसों को राजनीतिक दल का संरक्षण मिला हुआ है क्योंकि उन्हें चुनाव लड़ना होता है। ओवैसी ने एक इवेंट में चुनावी चंदे का मुद्दा उठाते हुए चुनाव आयोग से एनजीओ और कॉर्पोरेट द्वारा दिए जाने वाले डोनेशन पर बैन की मांग की।

 

ओवैसी ने एक इवेंट में कहा, 'एक प्रयोगसिद्ध डेटा कहता है कि हिंदू सवर्णों के पास देश की कुल 41 फीसदी संपत्ति है जो उनकी जनसंख्या 22.28 फीसदी से दोगुनी है। इसके बाद धन का अगला बड़ा हिस्सा ओबीसी समुदाय के पास है, जिनके पास 31 फीसदी संपप्ति जो कि उनकी आबादी 35. 66 फीसदी से कम है।'

 

ओवैसी ने आगे कहा, 'मुस्लिमों के पास सिर्फ 8 फीसदी संपत्ति है जबकि उनकी जनसंख्या करीब 12 फीसदी है। वहीं एससी और एसटी के पास महज 11.3 फीसदी संपत्ति है जबकि उनकी जनसंख्या 27 फीसदी है।' ओवैसी ने आगे सवाल पूछते हुए कहा, 'यह पैसा कहां लगाया जाता है? पैसा कहीं और होता है जहां राजनीतिक दलों का सरंक्षण है क्योंकि उन्हें चुनाव लड़ना होता है।'

 
ओवैसी ने चुनावी चंदे पर सवाल दागते हए कहा, 'एमएनसी, कॉर्पोरेट और एनजीओ से मिलने वाले चंदे के जारी रहने से भारतीय लोकतंत्र एक रोज बुरा दौर देखेगा जब राजनीतिक दल सिर्फ कागज पर होंगे और कोई विशेष पूरी पार्टी को चला रहा होगा। उन्होंने आगे कहा, 'कोई एमएनसी और एनजीओ किसी पार्टी को चंदा क्यों देगा? पूरा इलेक्टॉरल बॉन्ड रहस्य है। देश को पता ही नहीं है कि कौन किसे पैसा दे रहा है।'
 

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