कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उनसे नागरिकता कानून को वापस लेने की अपील की। हालांकि इस मुलाकात पर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लेफ्ट संगठनों ने मोदी से ममता की मुलाकात का विरोध करते हुए उनपर सीएए के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने का आरोप लगाया।

 

वामपंथी छात्र संगठनों ने कहा है कि जब पूरा राज्य मोदी सरकार के लाए गए इस कानून का विरोध कर रहा है तो ऐसे में सीएम को उनसे मिलने की क्या जरूरत थी? लेफ्ट स्टूडेंट्स ने टीएमसी के धरना स्थल के बगल में ही प्रदर्शन शुरू कर दिया। लेफ्ट पार्टियों से जुड़े छात्रों के ग्रुप ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर ममता बनर्जी के खिलाफ 'आजादी', 'छी-छी', 'शेम-शेम' के नारे लगाए। छात्रों ने नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में जारी लड़ाई को कमजोर करने के लिए ममता से जवाब मांगा।


ममता बनर्जी तुरंत स्टेज पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की। उन्होंने कहा, 'मैं बतौर मुख्यमंत्री के तौर पर ही पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने गई थी। यह एक नैतिक मुलाकात थी। मुझे एक भी ऐसा सीएम दिखाइए, जिसने पीएम मोदी के मुंह पर सीएए का विरोध किया हो।' प्रदर्शनकारी छात्रों से ममता ने कहा, 'सीएए के खिलाफ हम पहले दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। हम सबका मसला एक ही है, इसलिए इसको मुद्दे से मत भटकाइए। मैं आप सभी से लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करने की अपील करती हूं।'

प्रधानमंत्री मोदी और सीएम ममता के बीच मुलाकात पर कांग्रेस और सीपीएम की तरफ से तीव्र प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने ममता पर, जनता से विश्वासघात, 'दोहरा रवैया' अपनाने और भगवा खेमे की अंदर ही अंदर मदद करने का आरोप लगाया। वहीं टीएमसी के नेतृत्व ने किसी भी तरह की 'पॉलिटिकल मैच फिक्सिंग' से इनकार करते हुए सरकार के बीच की बैठक करार दिया।

इससे पहले सीएम ममता ने मोदी से मुलाकात के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को वापस लेने पर विचार करने का आग्रह किया। बैठक के बमुश्किल 15 मिनट बाद मीडिया को जानकारी देते हुए ममता ने कहा कि उन्होंने केंद्र से राज्य के लिए 38,000 करोड़ रुपये मांगे हैं। ममता ने कहा,‘मैंने यहां उनसे मुलाकात की, क्योंकि केंद्र सरकार के पास हमारे राज्य के 28 हजार रुपये बकाया हैं।

 

इसके अलावा गंभीर चक्रवात बुलबुल से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी हमारा 7,000 करोड़ रुपये बकाया हैं। यह हमारे राज्य की मांग है और हमारा यह सही दावा है। मैंने उनसे कहा कि हमें ये रकम चाहिए।’ बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा,‘मैंने सीएए, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) तीनों के खिलाफ व्यापक विरोध के बारे में भी उनको बताया।’

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