कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल के दो दिन के दौरे पर हैं। बेलूर मठ में रविवार को उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून किसी की नागरिकता छीनेगा नहीं बल्कि देगा, गांधीजी मानते थे भारत को पाकिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को सिटीजनशिप देनी चाहिए। 

 

दूसरे दिन आज कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने कल हावड़ा में रामकृष्ण मिशन मुख्यालय में रात गुजारी। वहीं, सैंकड़ों लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के विरोध में रात भर प्रदर्शन किया। कोलकाता के कई जगहों पर शनिवार को सीएए का विरोध हुआ। सबसे ज्यादा धर्मताला में प्रदर्शनकारी जुटे। सभी प्रदर्शनकारी वामदल, कांग्रेस और विभिन्न यूनिवर्सिटी के छात्र थे।

 

सीएए और एनआरसी के खिलाफ रानी रश्मोनी रोड पर तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई ने धरना किया। इससे पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मोदी से मुलाकात के बाद शाम पांच बजे तृणमूल छात्र परिषद के धरने में शामिल हो गईं और छात्रों को संबोधित किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस का बैरिकेड भी तोड़ दिया। कुछ छात्रों का कहना था कि वे मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत को लेकर नाराज हैं। वामदल और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री चिट फंड घोटाले में ईडी और सीबीआई के दबाव में हैं। इस घटोले के आरोप में कुछ तृणमूल के नेता भी आरोपी हैं। तृणमूल ने दोनों नेताओं के बीच के मुलाकात को गैर-राजनीतिक बताया। 

 

ममता ने कहा, “वे बंगाल आए थे इसलिए उनके साथ यह बस एक शिष्टाचार भेंट थी। मैंने प्रधानमंत्री से कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर को राज्य की जनता स्वीकार नहीं कर रही है। मैंने उन्हें इस कदम पर फिर से सोचने का अनुरोध किया। मैंने उन्हें याद दिलाया कि चक्रवात बुलबुल से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 7 हजार करोड़ सहित 38 हजार करोड़ रुपए केंद्र पर बकाया है।” ममता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली पहुंचकर दोनों मुद्दों पर चर्चा का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री आज नेताजी सुभाष डॉक पर कोचीन-कोलकाता इकाई के अपग्रेजेज शिप रिपेयर फैसिलिटी का भी उद्घाटन करेंगे। 

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