आंध्र प्रदेश: उदावंद्रेउनी पालम में धारा-144 के बावजूद ग्रामीणों ने निकाला पैदल मार्च, पुलिस ने रोका
आंध्र प्रदेश के रायपुडी (अमरावती) में पुलिस ने ग्रामीणों को उदंडरायुनी पालम जाने से रोक दिया।उदंडरायुनी पालम वहीं जगहा है, जहां अमरावती को राज्य की एकमात्र राजधानी के रूप में बनाए रखने की स्थानीय लोगों के विरोध के मद्देनजर धारा 144 लगाई गई है। इससे पहले मंडादम(अमरावती) में पुलिस ने उदावंद्रेउनी पालम से विजयवाड़ा के कनकदुर्गा मंदिर तक ग्रामीणों के पैदल मार्च को रोक दिया है। दरअसल, इस इलाके(उदंडारायणी पालम) में धारा 144 लगाई गई है। धारा 144 के मद्देनजर इलाके में पुलिस और महिला होमगार्ड किए गए हैं।
तीन राजधानी के मुद्दे का विरोध
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गुरुवार को कृष्णा जिले के मछलीपट्टनम में एक रैली की। इस दौरान उन्हें अमरावती में राज्य की राजधानी बनाए रखने की उनकी मांग के लिए लोगों का समर्थन प्राप्त किया।नायडू ने अपना आंदोलन जारी रखने के लिए लोगों से चंदा भी मांगा। उनके साथ भाकपा के राज्य सचिव के रामकृष्ण भी साथ थे।
टीडीपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के अमरावती से राज्य की राजधानी शिफ्ट करने के प्रस्ताव के खिलाफ कांचीचकला के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरना दिया।प्रदर्शनकारियों ने सीएम जगनमोहन रेड्डी के खिलाफ और अमरावती राजधानी के पक्ष में नारे लगाए। उन्होंने हाईवे पर टायर जलाए, जिसके कारण घंटों तक ट्रैफिक जाम रहा। जीएन राव समिति, जिसे आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा तीन राजधानियों के सुझाव पर ध्यान देने के लिए स्थापित किया गया था, उसने एक अनुकूल सिफारिश की है कि यह विकेंद्रीकृत विकास में मदद करेगा और उपलब्ध संसाधनों को सर्वोत्तम उपयोग में लाएगा।
गौरतलब है कि 2014 में विभाजन के बाद, जिसके परिणामस्वरूप तेलंगाना और एक नया आंध्र प्रदेश का निर्माण हुआ, आंध्र प्रदेश मे ने एक राजधानी की तलाश शुरू की। क्योंकि हैदराबाद को तेलंगाना की राजधानी बनाया गया था। अब इसको लेकर राज्य में बवाल हो रहा है।