श्रीनगर। हिज्‍बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को अपनी कार में जम्‍मू ले जाते हुए गिरफ्तार हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के बर्खास्‍त डीएसपी देविंदर सिंह ने पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। देविंदर ने आरोप लगाया है कि पुलिस बल में तैनात एक और वरिष्‍ठ अधिकारी आतंकवादियों के लिए काम कर रहे हैं। देविंदर सिंह ने माना कि उसने आतंकवादियों की मदद करके 'बड़ी गलती की है।'
 
जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस के सूत्रों ने बताया कि देविंदर सिंह को आतंकवादियों को जम्‍मू ले जाने के लिए 10 लाख रुपये दिए गए थे। उन्‍होंने कहा, 'सिंह ने दावा किया है कि एक और वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी आतंकवादियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जांचकर्ताओं ने कहा है कि हम इसकी पुष्टि करेंगे क्‍योंकि जांच को भटकाने का एक प्रयास भी हो सकता है।'

 
नवीद बाबू को जम्‍मू ले गया था देविंदर
 
सूत्रों ने बताया था कि पिछले साल सिंह ने पिछले साल हिज्‍बुल के आतंकवादी नवीद बाबू को जम्‍मू ले गया था। सूत्रों ने कहा, 'नवीद ने सिंह को 8 लाख रुपये दिए थे और वह दो महीने तक जम्‍मू में रहा था। 11 जनवरी को जब सिंह को नवीद बाबू और एक अन्‍य आतंकवादी के साथ अरेस्‍ट किया गया था, तब उसने दावा किया था कि दोनों ही लोग आत्‍मसमर्पण करने वाले थे। जांचकर्ताओं ने कहा है कि देविंदर सिंह झूठ बोल रहा है।'

 
यही नहीं बताया जा रहा है कि देविंदर सिंह हिज्‍बुल के रफी नामक आतंकी के संपर्क में भी था जो लोगों को पाकिस्‍तान ले जाने के लिए जिम्‍मेदार है। सूत्रों के मुताबिक एक या दो दिन में एनआईए की टीम श्रीनगर पहुंच रही है और वह देविंदर सिंह को लेकर दिल्‍ली जाएगी जहां उससे पूछताछ होगी। बता दें कि जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस के डीजीपी ने देविंदर सिंह को सेवा से बर्खास्‍त कर दिया है।

 
पुलवामा के त्राल का रहने वाला है देविंदर
 
जांच के दौरान यह भी पता चला है कि देविंदर सिंह का ड्रग्‍स माफिया से गहरा संबंध था। देविंदर सिंह पुलवामा के त्राल का रहने वाला है। यह वही इलाका है जो हिज्‍बुल मुजाहिदीन का गढ़ माना जाता है। आतंकी बुरहान वानी और जाकिर मूसा इसी इलाके के रहने वाले हैं। त्राल में देविंदर सिंह की पैतृक संपत्ति भी है। उसका एक घर जम्‍मू में भी है। सिंह के परिवार में पत्‍नी और दो बच्‍चे हैं। उसकी एक बेटी बांग्‍लादेश से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। सिंह का बेटा श्रीनगर में पढ़ाई करता है।
 

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